शिमला।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने एक बयान में कहा कि प्रदेश सरकार हर मोर्चे पर नाकाम है और अपनी नाकामी छुपाने के लिए महामहिम पर भी टिप्पणी करने से बाज नहीं आ रही है। सरकार में बैठे लोगों द्वारा इस तरह की टिप्पणी करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण हैं। संवैधानिक दायित्व के तहत कार्य कर रहे महामहिम पर इस तरह की टिप्पणी निंदनीय है। सरकार द्वारा राजभवन की इस कदर उपेक्षा की गई कि राज्यपाल महोदय को नाराज़गी ज़ाहिर करनी पड़ी। सरकार अब विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता पर हमला करना चाहती है। अपने हिसाब से कुलपति की नियुक्ति करना चाहती है। अपने हिसाब से यूनिवर्सिटी को चलाना चाहती है। सरकार को प्रदेश के विकास की चिंता करनी चाहिए, लेकिन सरकार प्रदेश के विकास और जनहित के कामों को तरजीह नहीं दे रही है।
जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री पर हमला करते हुए कहा कि सिराज विधानसभा के अन्तर्गत आने वाले थुनाग में पिछली साल तबाही आई थी, जिससे बाद वहां नाले में मलबा भर गया था। आगे किसी अनहोनी से निपटने के लिए उस नाले के चैनेलाइजेशन की किए जाने की ज़रूरत थी। त्रासदी से पीड़ित लोगों के बीच पहुंचे मुख्यमंत्री ने उस नाले के बीच से खड़े होकर कहा था कि इस नाले का चैनलाइजेशन किया जाएगा। एक महीनें में डीपीआर बनेगी और एक साल के अंदर नाले का चैनलाइजेशन का काम पूरा हो जाएगा। इस काम के लिए एक करोड़ का बजट देने की घोषणा मुख्यमंत्री ने स्वयं की थी। लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी सरकार की तरफ़ से एक फूटी कौड़ी नहीं दी गई।
नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि थुनाग नाले के चैनलाइजेशन के लिए मैंने विधायक निधि से 25 लाख रुपए दिए। इसके लिए सारी काग़ज़ी प्रक्रिया पूर्ण की। सरकार को विधायक निधि से नाले के चैनलाइजेशन का काम करवाना था, लेकिन अभी तक वह काम सरकार शुरू भी नहीं करवा पाई। बारिश फिर से आ गई है। एक बड़े क्षेत्र का पानी उसी नाले से होकर जाता है। नाले में जमे मलबे की वजह बारिश का पानी निकलने में रुकावट होगी, जिससे लोगों को बड़ी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। सरकार द्वारा कोई बजट न दिया जाना सरकार की मर्ज़ी है लेकिन विधायक निधि द्वारा पैसा दिए जाने के बाद भी काम न करवाना सरकार की नाकामी है। आपदाग्रस्त लोगों के बीच नाले से एक करोड़ को घोषणा करने के बाद एक भी एक पैसा न देना मुख्यमंत्री की संवेदनहीनता है। सरकार द्वारा नाले के चैनेलाइजेशन में रुचि न दिखाने के कारण स्थानीय लोगों में भारी रोष है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार प्राथमिकता के आधार पर यह कार्य पूरा करे, नहीं तो किसी भी प्रकार के नुक़सान की ज़िम्मेदारी सरकार की होगी।