शिमला।
स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने आज हिमाचल प्रदेश अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम के निदेशक मण्डल की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें नई नियुक्तियों और अन्य महत्वपूर्ण एजेंडों को मंजूरी दी गई। मंत्री ने कहा कि निगम की स्थापना अल्पसंख्यकों और दिव्यांगों के सामाजिक और आर्थिक उत्थान को सुनिश्चित करने के लिए की गई थी और समाज के इन वर्गों की वर्तमान आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए निगम के प्रशासनिक और संरचनात्मक घटकों का भी पुनर्गठन किया जाएगा।
बोर्ड ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान अल्पसंख्यकों को 1296.45 लाख रुपए के ऋण दिए गए, जबकि दिव्यांग लाभार्थियों के बीच 540.83 लाख रुपए के ऋण वितरित किए गए। हिमाचल प्रदेश अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम अल्पसंख्यकों और दिव्यांगों को उनके स्वयं के व्यवसाय में सहायता करने या व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में अध्ययन करने के लिए ऋण प्रदान करता है। 18 से 55 वर्ष आयु वर्ग के व्यक्तियों को दुकान, लघु व्यवसाय, तकनीकी व्यापार, कारीगरी एवं परम्परागत व्यवसाय, परिवहन, सेवा कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्रों के लिए ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। अल्पसंख्यकों को 30 लाख तक का ऋण 6 प्रतिशत ब्याज दर पर तथा शिक्षा ऋण न्यूनतम 4 प्रतिशत ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जा रहा है।
इसी प्रकार दिव्यांगों को 50,000 तक 5 प्रतिशत ब्याज दर पर, 50,000 से 5 लाख तक 6 प्रतिशत ब्याज दर पर, 5 लाख से 15 लाख तक 7 प्रतिशत ब्याज दर पर, 15 लाख से 30 लाख तक 8 प्रतिशत ब्याज दर पर तथा 30 लाख से 50 लाख तक 9 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। निगम ने अपनी स्थापना से अब तक 3,486 अल्पसंख्यक लाभार्थियों तथा 1,900 दिव्यांगों को 159.68 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया है। बैठक में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सचिव आशीष सिंहमार, ईएसओएमएसए की निदेशक किरण भड़ाना, अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम के प्रबंध निदेशक प्रदीप कुमार तथा निदेशक मण्डल के अन्य सदस्य उपस्थित थे।