धर्मशाला।
मुख्यमंत्री सुक्खू के धर्मशाला में दिए गए झूठे बयानों पर भाजपा प्रत्याशी सुधीर शर्मा ने फिर सियासी तलवार खींच ली है। एक प्रेस बयान में सुधीर शर्मा ने कहा कि सीएम सुक्खू झूठ की दुकान लेकर धर्मशाला में आते हैं और अनाप शनाप बयानबाजी करने लग जाते हैं। मेरे ड्राइवर के नाम पर झूठ बोलना सरासर ग़लत है। सुधीर शर्मा ने सुक्खू को चैलेंज करते हुए कहा कि मैं उनको चैलैंज करता हूं कि इलेक्शन कमीशन को सौंपे गए मेरे हल्फनामें के अलावा कुछ भी और मेरा निकला तो मैं सब सरकार को दे दूंगा। लेकिन साथ में सीएम सुक्खू भी अगर झूठ बोल रहे हैं तो उन्हें भी अपना सब कुछ सरकार के नाम कर देना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने तलाशे आपदा में अवसर
सुधीर शर्मा ने कहा कि सीएम सुक्खू ने अपनी आपदा में अवसर तलाशते हुए एक बड़ी छवि बनाने का प्रयास किया। 51 लाख रुपए को जीवन भर की कमाई बताकर ढोंग रचा गया, लेकिन जो एसजेवीएनएल की बिल्डिंग किराए पर है और उसका किराया बढ़ावाया वो किसकी है? इसके आंकड़ें भी सुधीर शर्मा ने पेश किए। भाजपा प्रत्याशी सुधीर शर्मा ने कहा कि मुझे तो लगता है कि पहले मैं सुक्खू के सपने में आता था, लेकिन अब मुझे लगता है कि उन्हें हेलोजीनेशन हो रही है। यानि जब कोई व्यक्ति किसी एक ही व्यक्ति के बारे में सोचता रहता है तो उसे हेलोजीनेशन होने लगती है।
नादौन में सीएम का करोड़ों का घोटाला
सुधीऱ शर्मा ने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा कि सीएम के गृह क्षेत्र नादौन में जो ओएसडी अनिल, पहले नादौन में तहसीलदार थे। उन्होंने वहां पर तीन लोग अजय कुमार, राजेंद्र सिंह राणा, प्रभात चंद के नाम पर ढाई लाख रुपए की रिजस्ट्री की और बाद में जब सुक्खू सीएम बने तो वही जमीन एचआरटीसी को 6 करोड़ 72 लाख रुपए में बेची। सुक्खू राज में ये भ्रष्टाचार सरेआम किया गया। राजीव सिंह जो मुख्यमंत्री सुक्खू के सगे भाई हैं उनके नाम 29 हेक्टेयर लीज खड्ड यानि सरकारी वन भूमि की कर दी गई। एक ही क्रशर नादौन में चलता रहा जिससे सिर्फ आपके भाई को फायदा हो, सीधे-सीधे केंद्रीय एंजेंसियों का केस बनता है। इसी तरह की धांधली पूरे प्रदेश में सुक्खू सरकार के राज में चल रही है। यही वजह है कि सुक्खू अपनी मंत्रीमंडल में किसी को नहीं आने देते। सिर्फ अपनी मित्रमंडली चाहिए ताकि चोर बाजारी चलती रही।
किस विधायक को निजी पेट्रोल पंप के लिए दी जा रही वन भूमि?
सुधीर ने कहा कि धर्मशाला बस अड्डे के पास किसी कांग्रेस विधायक को फायदा दिलाने के लिए वन विभाग की भूमि पेट्रोल पंप बनाने के लिए चिट्ठी लिखी गई। अधिकारी भी साथ दे रहे हैं और ये पंप निजी क्यों लगाने के लिए कहा गया। ये विधायक एनएसयूआई, यूथ कांग्रेस से लेकर कांग्रेस से जुड़े हैं और ये भ्रष्टाचार नहीं तो और क्या है? यही नहीं, बद्दी में तीन कंपनियों को खरीद फरोख्त पिछले 7 महीने में हो चुकी है। जिस कीमत पर ये कंपनियां खरीदी गईं, उससे चार गुणा ज्यादा पर बेच दी गईं। 30 करोड़ रुपए सेंट्रल यूनिवर्सिटी के लिए सरकार के पास देने को नहीं, लेकिन पंजाब के किस नेता के 250 करोड़ माफ कर दिए गए। इन सवालों का जवाब सरकार को जनता में जाकर देना चाहिए।
मुख्यमंत्री के प्यादों का जनाधार ना के बराबर
सुधीर ने तंज कसते हुए कहा कि आज मंच पर मुख्यमंत्री सुक्खू कहते हैं कि मेरा गला बैठ गया, लेकिन उनके राज में जो प्रदेश का भट्ठा बैठ गया है उसका हिसाब जनता को देना होगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने जो मेरे ऊपर आरोप लगाए हैं कि मेरे ड्राइवर ने जमीनें खरीदी वो सरासर ग़लत है। जिस व्यक्ति की बात कर रहे हैं वह खुद धर्मशाला का एक संपन्न परिवार से है। उन्होंने कहा कि सरकार की एंजेंसियां इतनी कमजोर हैं कि उन्हें पता नहीं कि कौन सी गाड़ी किसकी है और कौन किसका ड्राइवर। मुख्यमंत्री के झूठ पर मैं एक और मानहानि का दावा करने जा रहा हूं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने ऐसे प्यादे पाल रखे हैं जिनका भी जनाधार ना के बराबर है। इस प्रदेश की अर्थव्यवस्था, भू-माफिया , कानून व्यवस्था, बेरोजागरी के लिए मुख्यमंत्री सुक्खू जिम्मेदार हैं।