धर्मशाला: राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग भारत सरकार की उपाध्यक्षा अंजना पंवार ने वीरवार को धर्मशाला उपायुक्त कार्यालय परिसर में जिला कांगड़ा प्रशासनिक अधिकारियों, सफाई कर्मचारी, यूनियन, समाज सेवियों के साथ ओपन हाउस संवाद किया इस बैठक का उद्देश्य सफाई कर्मचारियों को पेश आ रही समस्याओं के बारे में जानने के साथ-साथ केंद्र सरकार सफाई कर्मचारियों के लिए गई विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को इस वर्ग तक पहुंचाना था साथ ही वर्तमान में चली हुई योजनाओं का मुल्यांकन भी करना था उन्होंने बताया कि किस प्रकार समाज का वह वर्ग जो रोजाना सफाई का कार्य करता है उसका जीवन कैसे बेहतर बनाया जा सकता है उन्होंने कहा कि भारत देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस वर्ग की समस्याओं को समझते हैं ओर उन्होंने भी प्रधानमंत्री बनते ही सबसे पहले स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत की उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का समाजिक न्याय एंव अधिकारिकता विभाग समय- समय पर राज्यों में जाकर इस वर्ग के उत्थान के लिए कार्य कर रहा है उन्होंने सफाई कर्मचारियों से सीधी बात करी ओर उनके समक्ष कुछ मुख्य बिंदू नजर आए जैसे सफाई कर्मचारी अस्थाई तौर पर ही नियुक्त किए जाते हैं, उनका मेडिकल भी नहीं करवाया जाता है, आईडी कार्ड भी नहीं हैं, वर्दी भी नहीं हैं, वेजिस भी बहुत कम हैं, भाविष्य निधि काट तो ली जाती है लेकिन भविष्य निधि खाते में नियोक्ता द्वारा जमा करवाई गई या नहीं इस के बारे में कर्मचारी अभिज्ञयन होते है
उन्होंने इस बाबत सभी अधिकारियों को तुरंत प्रभाव से सफाई कर्मचारियों की हो रही अनदेखी ओर योजनाओं का लाभ उन तक पहुंचाने का आग्रह किया नगर निगम के कमीशनर जफर इकबाल ने राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग भारत सरकार की उपाध्यक्षा अंजना पंवार को अश्वसत किया कि जो भी समस्याएं सामने आई हैं ओर केंद्र की योजनाओं को पूर्ण रूप से लागू किया जाएगा प्रमुख रूप से स्थाई भर्ती, कर्मचारियों के लिए आवास, वर्दी, उनका साल में दो बार फ्री मेडिकल जांच, चेंजिंग एंव रेस्ट रूम, सामुदियक केंद्र में पुस्तकालय, महिलाओं के लिए रोजना ड्यूटी टायिमंग में बदलाव, सेवा निवृत एवं निकाले हुए कंटरेक्ट अस्थाई, स्थाई, जो किसी भी प्रकार के नियोक्ता द्वारा काम पर रखे गए थे उनकी वकाया राशि के लिए उचित नीति बनाई जाएगी ओर उसे कार्ययान्वित किया जाएगा उन्होंने एमएस एक्ट के बारे में भी बताया जो कि 2013 में बना था जिसमें कहा गया है कि सीवर की सफाई, मैला ढोने के लिए कसी भी मानव को बिना उपकरण एवं सेफ्टी यूनिफार्म के काम पर नहीं लगाया जा सकता है इस एक्ट के तहत ऐसा करने पर कड़ी सजा का प्रवधान भी है उन्होंने कहा कि सूप्रीम कोर्ट ने अभी हाल ही में इस तरह का कार्य करते हुए अगर किसी भी कर्मचारी की मृत्यू हो जाती है तो उसके अश्रीत को 30 लाख रूपए मुआवजा देने का प्रावधान है उन्होंने कहा कि किसी की जान को खतरे में डाल कर इस तरह का कार्य करवाना उचित नहीं है उन्होंने मीडिया से अपील की कि वह जन-जन तक इस एक्ट के बारे में लोगों को बताएं उन्होंनें पत्रकारों के सवाल का जबाब देते हुए उन्होंने कहा कि यह संवाद इस बैठक तक ही सीमित नहीं रहता इस बैठक के मिनट तैयार किए गए है और एक्शन रिर्पाट के साथ मोनिटर किया जाएगा।