धर्मशाला।
लोकसभा और विधानसभा के उपचुनाव के मद्देनज़र प्रचार के अंतिम दिन भाजपा प्रत्याशी सुधीर शर्मा ने मुख्यमंत्री सुक्खू और सरकार को निशाने पर लिया।सुधीर शर्मा ने कहा कि कांगड़ा के डीसी और बाकी अधिकारी कांग्रेस कार्यकर्ता की तरह काम कर रहे हैं। पिछले कल की घटना का जिक्र करते हुआ सुधीर शर्मा ने कहा कि मेरे कार्यालय के बाहर 200 पुलिसकर्मियों के साथ एडीसी, डीएसपी और एसएचओ ने फ्लैग मार्च किया। जब इसके बारे में पूछा गया तो एसपी कांगड़ा सही से जवाब नहीं दे पाईं। इससे साफ होता है कि ये सरकार और मुख्यमंत्री सुक्खू की बौखलाहट है जो ऐसे काम कर्मचारियों औऱ अधिकारियों से करवाने पड़ रहे हैं।
सुधीर शर्मा ने वीरवार को अपने निवास स्थान पर मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि इस संदर्भ में मैंने इलेक्शन कमीशन से भी कम्पलेंट की हैं, लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। सुधीर शर्मा ने कहा कि हमारे दो दर्जन से ज्यादा लोगों को उनके घरों में जाकर डराया जा रहा है। पुलिस जगह-जगह पर लोगों को रोककर परेशान कर रही है। आज सरकार के पास बोलने को कुछ नहीं बचा। अगर 15 महीनों में सुक्खू सरकार ने कुछ किया होता तो उन उपलब्धियों को जनता के बीच जरूर गिनाते, लेकिन उन्होंने कुछ किया ही नहीं है, सिर्फ मेरे ऊपर आरोप ही आरोप लगाए गए हैं। हमनें तो सिर्फ उनका जवाब दिया है और वो भी तथ्यों के साथ।
सच्चाई के साथ जनता के बीच जाएं
सुधीर शर्मा ने कहा कि ये तथ्य हमनें केंद्रीय जांच एंजेंसियों को भी दिए हैं। अगर मुख्यमंत्री सुक्खू चाहते हैं तो जांच करवाएं, जनता के बीच छिंटाकशी करने से कुछ नहीं होगा। सच्चाई के साथ जनता के बीच जाएं और अपने झूठे आरोपों के सबूत पेश करें। कांगड़ा जिला औऱ धर्मशाला का जिक्र करते हुए सुधीऱ शर्मा ने कहा कि धर्मशाला के प्रोजेक्ट्स को हमेशा रोका गया। जिस जिला कांगड़ा को किसी भी सरकार में तरजीह मिलती रही, उस कांगड़ा जिला के साथ सुक्खू सरकार ने अनदेखी की।
सुधीर शर्मा ने कहा कि ये सुक्खू की नालायकी है कि सरकार की 43 सीटों में से 34 विधायक ही रह गए। जितना राजनीतिक स्तर मुख्यमंत्री सुक्खू ने गिराया है, वो शायद ही किसी ने गिराया हो। पुलिस की छवि को सरकार ने कार्यकर्ता के रूप में बदलकर दागी कर दिया है। सरकार बेशक बौखलाहट में है, पर उन्हें इसके बारे में विचार करना चाहिए और सरकारी तंत्र का इस्तेमाल करना छोड़ देना चाहिए।