धर्मशाला में प्रेस वार्ता करके अतुल भारद्वाज ने वर्तमान सरकार को कहा की विधानसभा में भी सरकार जानबूझकर केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला के सन्दर्भ में होने वाली चर्चा का समय कम करने का प्रयास कर रही है ताकी यह चर्चा मात्र औपचारिकता तक ही सीमित रहे । उन्होंने कहा कि जनता नेताओं की ओर टक टकी लगा कर सब कुछ देख रही है और उचित समय पर सबका हिसाब चुकता करेगी।
उन्होंने प्रदेश सरकार व मुख्यमंत्री की दयनीय स्थिति पर चिंता प्रकट करते हुए कहा की वर्तमान में प्रदेश में पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्हे जनता की सही व जायज मांगो का समाधान करने का प्रयास करने के बजाए विवश होकर अपने रास्ते बदल बदल कर आंदोलन पर बैठे संघर्ष कर्ताओं से मुंह छिपाकर भागना पड रहा है।लेकिन अब हिमाचल की जनता भी ऐसे नेताओं को आने वाले समय में मुंह नही लगाएगी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला के निर्माण की जिम्मेदारी भाजपा से ज्यादा कांग्रेस पार्टी की थी लेकिन आज कांग्रेस पार्टी की ही सरकार
उसमें सबसे बड़ी बाधा बन गई है।अतुल भारद्वाज ने प्रदेश सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा की कांग्रेस की सरकार केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला परिसर के सन्दर्भ में विधानसभा में चर्चा से भागने का प्रयास कर रही है। उन्होंने सरकार की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए पूछा की क्यों आखिरकार हिमाचल प्रदेश के भविष्य के साथ जुडे हुए इतने महत्वपूर्ण विषय पर प्रदेश सरकार अभी तक इतने सत्र विधानसभा के व्यतीत होने के पश्चात भी विशेष चर्चा नहीं करवा पाई है ? इससे यह स्पष्ट है की जनहित से जुडे मुद्दो पर प्रदेश सरकार गंभीर नहीं है और न ही जनहित से जुड़े मुद्दे सरकार की प्राथमिकतों में है। सरकार की इस कार्यशेली का खमियाजा कांग्रेस पार्टी को आने वाले चुनावों में भुगतना पड़ेगा।