धर्मशाला : पिछले 61 साल से अस्टाम्प विक्रेता मात्र 4 फीसदी कमीशन पर काम कर रहे हैं। लंबे अरसे से 4 फीसदी कमीशन पर काम कर रहे अस्टाम्प विक्रेता को कमीशन बढ़ाकर 10 फीसदी की जाए। स्टॉक होल्डिंग के बजाय अस्टाम्प विक्रेता को ही ई-स्टामपिंग का कार्य दिया जाए।
ई-अस्टाम्प के साथ अस्टाम्प विक्रेता का कार्य मैनुअल भी रखा जाए। यह मांग जिला अस्टाम्प बेंडर यूनियन कांगड़ा ने उठाई है। मंगलवार को जिला कांगड़ा अस्टाम्प बेंडर यूनियन का गठन किया गया I जिसमें जिलाध्यक्ष की कमान रशमी कुमारी को सौंपी गई। इस दौरान धर्मशाला में प्रेसवार्ता में जिला अस्टाम्प बेंडर यूनियन
सिरमौर के अध्यक्ष बाबू राम शर्मा ने कहा कि अस्टाम्प विक्रेता की कमीशन को 4 से बढ़ाकर 10 फीसदी किया जाए। कई अस्टाम्प विक्रेता वर्ष 1963 से इस कार्य को कर रहे हैं, ऐसे में इस कार्य को ई-स्टाम्प के साथ मैनुअल भी रखा जाए, क्योंकि कई लोगों को कम्प्यूटर की जानकारी नहीं है और वे इसी कार्य पर निर्भर हैं। ई-स्टाम्प का कार्य लोकमित्र/कॉमन सर्विस सेंटर व बैंक आदि को न देकर यह कार्य सीधे तौर पर अस्टाम्प विक्रेता को दिया जए। अस्टाम्प विक्रेता को चैंबर/ उचित बैठने की व्यवस्था व अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएं, जिससे कि इस वर्ग को कार्य करने में कोई परेशानी न हो।
यदि राजस्व विभाग कमीशन को 4 फीसदी से नहीं बढ़ाता है तो हर अस्टाम्प विक्रेता को मासिक मानदेय सुनिश्चित किया जाए। ई-स्टाम्पिंग की व्यवस्था हेतू करीब एक लाख रुपये खर्च आएगा, सरकार से मांग है इसके लिए ब्याजमुक्त ऋण की सुविधा उपलब्ध करवाई जाए। अस्टाम्प लिमिट राशि निर्धारित न करके इसे खुला रखा जाए। यूनियन ने इस संबंध में राजस्व सचिव को ज्ञापन भेजकर उक्त मांगों पर जल्द कार्रवाई का आग्रह किया है।