ऊना: ट्रेड यूनियन के आह्वान पर किए गए भारत बंद का जिला ऊना में मिला-जुला असर देखने को मिला। हालांकि जिला भर के शिक्षण संस्थान और सार्वजनिक एवं निजी परिवहन सेवाएं सुचारू रूप से चलती रही। लेकिन केंद्रीय ट्रेड यूनियन सीटू के बैनर तले आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं मिड डे मील कार्यकर्ताओं मनरेगा वर्कर्स और अन्य उद्योगों के कामगारों ने जिला मुख्यालय के म्युनिसिपल पार्क में पहुंचकर जोरदार प्रदर्शन किया।
सीटू के जिला सचिव गुरनाम सिंह की अगुवाई में किए गए प्रदर्शन के दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने म्यूनिसिपल पार्क से लेकर ट्रैफिक लाइट चौक होते हुए डीसी कार्यालय तक रोष रैली भी निकाली। इस मौके पर मिड डे मील कार्यकर्ताओं और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से लेकर मनरेगा वर्कर्स को भी सरकारी कर्मचारी घोषित करने की मांग जोर-जोर से उठाई गई। जबकि काम के बदले में उन्हें मानदेय की बजाय निश्चित वेतन प्रदान करने की भी आवाज बुलंद हुई।
केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा किए गए भारत बंद का जिला ऊना में मिला जुला असर देखने को मिला। हालांकि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, मिड डे मील वर्कर्स और मनरेगा के कामगारों ने इस प्रदर्शन में बढ़-चढ़कर भाग लिया और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस धरना प्रदर्शन की अगुवाई सीटू के जिला सचिव गुरनाम सिंह ने की।
इस मौके पर गुरनाम सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार केवल मात्र पूंजीपत्तियों को लाभ पहुंचाने का काम कर रही है, जबकि जमीनी स्तर पर काम करने वाले मजदूर तबके का शोषण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार की कोई भी योजना आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मदद के बिना धरातल पर नहीं उतरती लेकिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ही सरकारी कर्मचारी नहीं माना जा रहा। स्कूलों में लंबे अरसे से बच्चों के लिए दोपहर भोजन पकाने वाली मिड डे मील कार्यकर्ताओं की जिंदगी भी बदल होती जा रही है सरकार इस तरफ भी आंख उठाकर नहीं देख रही।
उन्होंने कहा कि मनरेगा में कामगारों को काम के बदले दिया जाने वाला मेहनताना बेहद कम है। जबकि उद्योगों में भी कामगारों के हितों को दबाने के लिए श्रम कानून के साथ मोदी सरकार ने छेड़छाड़ की है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार द्वारा इन मामलों पर गंभीरता से विचार नहीं किया तो आने वाले समय में सीटू द्वारा देशव्यापी आंदोलन किया जाएगा जिसकी जिम्मेदारी केंद्र की मोदी सरकार की होगी।