शिमला : भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और नागरिक चिकित्सालय में मरीजों के उपचार का जिम्मा एक-एक डॉक्टर के पास है। कई महीनों से लगातार 24 घंटे से भी अधिक समय तक ड्यूटी देने के कारण अब चिकित्सक मानसिक रूप से परेशान हो रहे हैं। राज्य में भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा मानक के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और नागरिक चिकित्सालय में तय स्वीकृत पदों के तहत चिकित्सकों की तैनाती नहीं की है।
प्रदेश में अधिकांश सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 10 और नागरिक चिकित्सालय में 20 डॉक्टरों की तैनाती होनी चाहिए। लेकिन मौजूदा समय में अधिकांश स्वास्थ्य केंद्रों में एक-एक चिकित्सकों से काम करवाया जा रहा है। इससे डॉक्टरों को एक दिन की छुट्टी लेना अभी मुश्किल हो गया है।
प्रदेश में अधिकांश सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 10 और नागरिक चिकित्सालय में 20 डॉक्टरों की तैनाती होनी चाहिए, लेकिन मौजूदा समय में अधिकांश स्वास्थ्य केंद्रों में एक-एक चिकित्सकों से काम करवाया जा रहा है। इससे डॉक्टरों को एक दिन की छुट्टी लेना अभी मुश्किल हो गया है। सरकार इन खाली पदों को कब भरेगी, एक लाख नौकरी देने वाले आज एक भी नौकरी नहीं दे पा रहे।