धर्मशाला।
हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला में सोमवार को बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ ने स्वामी विवेकानंद के जीवन दर्शन पर अपना व्यक्तव्य रखते हुए कहा कि हिमाचल के लोगों का भाव और स्वभाव अन्य राज्य के लोगों से अलग है। यहां आकर मुझे लग रहा है जैसे मेरी घर वापसी हो गई हो। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी के समक्ष लक्ष्य रखने की आवश्यकता है।
राज्यपाल ने कहा कि 1947 में देश राजनीतिक रूप से तो आजाद हो गया, लेकिन आगे क्या करना है इसका किसी को पता नहीं था। जबकि पूरा विश्व भारत की ओर देख रहा था। उन्होंने कहा कि जिस तरह हम 2047 में विकसित भारत की कल्पना कर रहे हैं उसे पूरा करने के लिए हमें स्वदेशी और स्व का भाव जागृत करना होगा तभी यह सपना पूरा हो पाएगा।
इस मौके पर केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एसपी बंसल ने स्वामी विवेकानंद के जीवन दर्शन पर अपना वक्तव्य दिया। सीयू के परिसर एक में विवि के समाजशास्त्र और सामाजिक नृविज्ञान विभाग की ओर से राष्ट्रीय समाज विज्ञान परिषद नई दिल्ली एवं भारतीय मत पंथ, संप्रदाय एवं समेटिक अध्ययन केंद्र के सहयोग से और वित्त पोषित मौलाना अबुल कलाम आजाद इंस्टीट्यूट ऑफ एशियन स्टडीज कोलकाता व भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) नई दिल्ली द्वारा आधुनिक समाज दिशा एवं चुनौतियों वांछित प्रति उत्तर स्वामी विवेकानंद विषय पर प्रस्तावित तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।