नई दिल्ली : केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने नई दिल्ली के दौरे पर आए जम्मू-कश्मीर के सभी जिलों के लगभग 250 स्कूली बच्चों के एक प्रतिनिधिमंडल से आज मुलाकात की। ये छात्र भारत सरकार के ‘वतन को जानो-यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम 2023’ के तहत जयपुर, अजमेर और नई दिल्ली का दौरा कर रहे हैं। एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना में, इस यात्रा का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर के युवाओं के समक्ष देश की सांस्कृतिक और सामाजिक विविधता को प्रदर्शित करना है।
जितेंद्र सिंह ने युवा छात्रों से कहा कि उनका 2047 का निर्माता बनना तय है और यह भारत के लिए सबसे अच्छे समय में से एक है तथा जम्मू-कश्मीर के लिए एक नई शुरुआत है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर के मनोहर क्षेत्र में उल्लेखनीय परिवर्तन आया है। पथराव की घटनाएं अतीत की बात हो गई हैं। उन्होंने कहा कि आज जम्मू-कश्मीर खेल उपलब्धियों के लिए अधिक सुर्खियों में है। जितेन्द्र सिंह ने कहा, “जम्मू-कश्मीर के अब्दुल समद, उमरान मलिक, परवेज़ रसूल और मंज़ूर पांडव जैसे क्रिकेटर आईपीएल में खेलते हैं। वुशु खिलाड़ी सूर्य भानु प्रताप सिंह और अभिषेक जामवाल ने हाल ही में मॉस्को चैंपियनशिप में देश का नाम रोशन किया। 2022 में, एक कश्मीरी स्कीयर आरिफ खान ने बीजिंग में शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में भारत का राष्ट्रीय ध्वज लहराया था।” उन्होंने कहा कि कश्मीर में लड़कियां भी लड़कों के बराबर खेलों में भाग लेती हैं। इस साल की शुरुआत में किश्तवाड़ के लोइधर गांव की रहने वाली 16 वर्षीय शीतल देवी ‘अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने वाली बिना हाथों वाली पहली महिला तीरंदाज’ हैं। एशियाई पैरा खेलों में उन्होंने विभिन्न श्रेणियों में एक स्वर्ण सहित तीन पदक जीते।
जम्मू-कश्मीर में अरोमा मिशन और पर्पल रिवोल्यूशन की असीम सफलता को संदर्भित करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने स्कूली बच्चों को सरकारी नौकरी के बाहर भी अवसर की खोज करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि लैवेंडर कृषि स्टार्टअप, रोजगार सृजन और अनुसंधान का एक माध्यम है, जो विकास के कई प्रतिमान खोलता है। उन्होंने कहा कि भद्रवाह भारत की लैवेंडर राजधानी और कृषि स्टार्टअप गंतव्य के रूप में उभरा है। भद्रवाह तथा गुलमर्ग क्षेत्रों में अरोमा मिशन और पर्पल रिवोल्यूशन की सफलता के बाद, 3,000 से अधिक स्टार्टअप अब सिर्फ लैवेंडर की खेती में लगे हुए हैं।
सिंह ने बताया कि सीएसआईआर ने अपनी जम्मू स्थित प्रयोगशाला, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटिव मेडिसिन्स (आईआईआईएम) के माध्यम से डोडा, किश्तवाड़, राजौरी जिलों और बाद में रामबन, पुलवामा आदि अन्य जिलों में खेती के लिए उच्च मूल्य वाले आवश्यक तेल वाली लैवेंडर फसल की शुरुआत की थी। उन्होंने कहा कि कुछ ही समय में एरोमा/लैवेंडर की खेती कृषि स्टार्ट-अप के लिए खेती में एक लोकप्रिय विकल्प बन गई है।
मक्का से लैवेंडर की खेती करने वाले किसानों की शुद्ध वार्षिक आय प्रति हेक्टेयर लगभग 40,000/- से रु. 60,000/रुपये की तुलना में से कई गुना बढ़कर प्रति हेक्टेयर 3,50,000/- से रु. 6,00,000/- रुपये पहुंच गई है। डोडा जिले के भद्रवाह के किसानों ने 2019, 2020, 2021 और 2022 में क्रमशः 300, 500, 800 और 1500 लीटर लैवेंडर तेल का उत्पादन किया। उन्होंने सूखे फूल, लैवेंडर पौधे और लैवेंडर तेल बेचकर 2018-2022 के बीच 5.0 करोड़ रुपये कमाए। लोकसभा में जम्मू-कश्मीर के उधमपुर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि रियासी जिले में लिथियम की खोज “भारत की अगली बड़ी कहानी” बन सकती है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को कई गुना बढ़ावा मिलेगा।
परस्पर बातचीत के दौरान छात्रों ने राज्य में अपने क्षेत्रों में विकास की कमी के विशेष उदाहरण दिए और बताया कि चीजें अब कैसे बेहतर होने लगी हैं। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के छात्रों की सहायता करने के लिए सरकार के प्रयासों के लिए डॉ. जितेन्द्र सिंह को धन्यवाद दिया, जिसके कारण उन्हें पीएम विशेष छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत प्रमुख विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में अध्ययन करने का अवसर प्राप्त हुआ।