कुरूक्षेत्र :मुख्यमंत्री मनोहर लाल मंगलवार को जिला कुरूक्षेत्र के ऐतिहासिक गुरूद्वारा छठी पातशाही में वीर बाल दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने अरदास करते हुए गुरू शब्द कीर्तन में हाजिरी भी लगाई। सिख पंथ के दसवें गुरु गुरु गोबिंद सिंह जी के साहबजादे जोरावर सिंह जी व फतेह सिंह जी की शहादत को समर्पित ‘वीर बाल दिवस’पर उन्हें सादर नमन करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सर्वोच्च साहस के साथ वीर साहिजादे क्रूर मुगल शासन के खिलाफ खड़े हुए और धर्म परिवर्तन से इनकार करते हुए शहादत को चुना। उनकी अतुलनीय वीरता आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।
उन्होंने कहा कि उत्तरी भारत में मुगलों के अत्याचारों के विरूद्ध लड़ने के लिए दसवें पातशाह गुरू गोबिन्द सिंह ने बाबा बंदा सिंह बहादुर को नांदेड़ साहिब से उत्तरी भारत भेजा था। खांडासेरी गांव में उन्होंने फौज बनाई और फिर भिवानी, हिसार व टोहाना में इस चिंगारी को आगे बढाते हुए समाना में जाकर दुश्मन की इंट से इंट बजाई। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी गुरूओं के दिखाए राह पर चलने के कोशिश करें और देश व समाज हित में योगदान दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने उनके शहादत दिवस को वीर बाल दिवस के रूप में घोषित कर उनके बलिदान की गाथा को देश और दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचाया है। उनके शहीदी दिवस 26 दिसंबर को हर वर्ष वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।