देहरा।
देहरा विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस उम्मीदवार कमलेश ठाकुर ने नंदपुर, गठूतर, गुलेर, थल्ला सहित अनिल क्षेत्रों में लोगों से सीधा संवाद करते कहा, ‘मुझे कनाडा और मुंबई नहीं जाना, बल्कि देहरा में रहकर ही लोगों की सेवा करनी है। विधायक बनने के बाद देहरा से जाऊंगी भी तो नादौन में ससुराल या फिर शिमला आपके काम करवाने ही जाऊंगी। देहरा में मेरा सब कुछ है और देहरा अब मेरा ही है, इसलिए विरोधियों को ज्यादा विचलित होने की जरूरत नहीं है।’
कमलेश ठाकुर ने कहा, ‘मैंने अब तक लगभग आधा देहरा विधानसभा क्षेत्र कवर कर लिया है। लोगों से लगातार मिलने पर कई तरह की स्थानीय समस्याएं सामने आई हैं। उन्होंने कहा कि बिजली, पानी, सड़कों और पुलों की समस्याओं का समाधान आचार संहिता खत्म होने के बाद प्राथमिकता के आधार पर करवाया जाएगा। मुख्यमंत्री से आग्रह करने के साथ ही दबाव बनाकर भी लोगों के काम करवाऊंगी।
कमलेश ठाकुर ने पूर्व आजाद विधायक होशियार सिंह पर जुबानई हमला करते हुए कहा कि होशियार सिंह ने देहरा की जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है। जनता ने उन्हें पांच साल के लिए चुनकर विधानसभा भेजा था, लेकिन वह 14 महीने में ही दगा दे गए। निर्दलीय विधायक को इस्तीफा देने की क्या जरूरत आ पड़ी थी कि वह कांग्रेस सरकार का साथ छोड़कर भाजपा के साथ बैठ गए। लेकिन उन्होंने जो डील भाजपा के साथ की उसके दबाव में विधायकी छोड़कर दोबारा चुनाव लड़ रहे हैं। देहरा की जनता पर यह उपचुनाव भाजपा और पूर्व आजाद विधायक ने थोपा है। इस उपचुनाव से जनता पर करोड़ों रुपए का बोझ पड़ेगा।
कमलेश ठाकुर ने कहा कि देहरा की जनता ने तो आजाद विधायक चुनकर भेजा था, वह सरकार के साथ चलकर काम करवा सकते थे, लेकिन उन्होंने क्षेत्र की समस्याओं का समाधान कराने की बजाए अपने ही कामों पर ध्यान दिया। देहरा में बिजली, पानी, सड़कों और पुलों की बड़ी समस्या है, अनेक कार्य अधूरे पड़े हैं, पुलों का काम अधर में होने से लोगों को बरसात में दिक्कत होगी। बिजली की समस्या होने से पंखे तक नहीं चल रहे। पूर्व विधायक ने अपने कार्यकाल में इन समस्याओं का समाधान क्यों नहीं करवाया।
कमलेश ठाकुर ने कहा कि उम्मीदवार जब जनता के वोट से विधायक बन जाता है तो उसके लिए कोई भाजपा-कांग्रेस नहीं होती, वह सबका जनप्रतिनिधि होता है। लेकिन होशियार सिंह ने जनता के काम भेदभाव के आधार पर किए। इसलिए देहरा विकास के मामले में पिछले साढ़े छह साल में पिछड़ा है। इसकी भरपाई मुख्यमंत्री और मैं मिलकर अगले साढ़े तीन साल में करेंगे। उन्होंने कहा कि मेरा 10 जुलाई का निमंत्रण आप सबने कबूल करना है, आपको विश्वास दिलाती हूं कि विधायक बनने के बाद निराश नहीं करूंगी। मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्रियों से मिलकर सारे जायज काम करवाए जाएंगे।