धर्मशाला : सड़क सुरक्षा माह के अर्न्तगत एनआईसी कार्यालय काँगड़ा स्तिथ धर्मशाला में “ एकीकृत स़ङक दुर्घटना डेटाबेस ( iRAD )” पर कार्यशाला प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। जिसमें जिला स्तर पर सम्बन्धित पुलिस, स्वस्थ्य, हिमाचल पथ परिवहन निगम तथा परिवहन विभाग के अधिकारियों एंवम कर्मचारियों को आंकडा इन्द्राज करने बारे प्रशिक्षण दिया गया, ताकि भविष्य में सङक दुर्घटनाओ के आकंडो” का सही इन्द्राज आकंलन किया जा सकें।
IRAD ( एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस ) परियोजना भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ( MORTH ) की एक पहल है । इसका डिज़ाइन, विकास और कार्यान्वयन एनआईसी ( NIC ) और एनआईसीएसआई ( NICSI ) द्वारा किया गया है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य देश में सड़क सुरक्षा में सुधार करना है। इसे प्राप्त करने के लिए, पूरे भारत से एक सटीक और समान सड़क दुर्घटना डेटा संग्रह तंत्र की स्थापना करना है। इस उद्देश्य के लिए iRAD मोबाइल और वेब एप्लिकेशन विकसित किया गया है। इस परियोजना के अंतर्गत राज्य/जिला रोल आउट प्रबंधकों और मास्टर प्रशिक्षकों के माध्यम से हितधारक विभागीय उपयोगकर्ताओं को प्रशिक्षण और सहायता प्रदान की जा रही है।
इससे चार हितधारक विभागों ( पुलिस विभाग, परिवहन विभाग, राजमार्ग एवं लोक निर्माण विभाग ( NHAI और PWD), स्वास्थ्य विभाग ) द्वारा सड़क दुर्घटना डेटा संग्रह की सुविधा होगी। पूरे देश से सड़क दुर्घटना के आंकड़ों के संग्रह के माध्यम से सड़क दुर्घटना डेटाबेस विकसित किया जा रहा है। एकत्रित डेटा का विश्लेषण दुर्घटना संभावित क्षेत्रों और दुर्घटनाओं के कारणों की पहचान के लिए विभिन्न डेटा एनालिटिक्स तकनीक का उपयोग करके किया जा रहा है।
इसके द्वारा दर्ज की गई एफआईआर की संख्या, मौतों की संख्या आदि पर रिपोर्ट परिवहन विभाग, पुलिस और सड़क मालिक एजेंसियों द्वारा प्राप्त की जा सकती है।
जिला सूचना-विज्ञान अधिकारी, भूपिंदर पाठक ने बताया कि पूरे देश को 2 वर्ग किलोमीटर के ग्रिड में विभाजित किया गया है और इस प्रकार 18 लाख ग्रिड हैं । इनमें से प्रत्येक ग्रिड में दुर्घटना स्थल का सटीक जीपीएस स्थान दर्ज किया गया है, दुर्घटनाओं के लिए पीड़ित और वाहन चालकों के अलावा संबंधित वाहनों की फोटो और गवाहों की वॉयस रिकॉर्डिंग का भी प्रावधान है।
उन्होंने कहा कि जहां दूरदराज के इलाकों में इंटरनेट कनेक्शन उपलब्ध नहीं है, वहां कुछ बुनियादी विवरण ऑफ़लाइन लिए जा सकते हैं। विश्लेषण आउटपुट को उपयुक्त डैशबोर्ड में दर्शाया जा रहा है, जो हितधारक विभागों और सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के उच्च अधिकारियों के लिए सुलभ होगा और तदनुसार भारत में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या को कम करने और सड़क सुरक्षा बढ़ाने के लिए यह कारगर साबित होगा।
इसके अतिरिक्त जिला सूचना-विज्ञान अधिकारी धर्मशाला द्धारा “ई- चलान” पर उपस्थित कर्मचारियों को विस्तृत जानकारी दी गई।
इस कार्याशाला में प्रदीप कुमार, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, भूपिंदर पाठक, जिला सूचना-विज्ञान अधिकारी एवं निशा कुमारी, पुलिस उपा-अधीक्षक मुख्यालय,धर्मशाला और लगभग 45 अन्य सम्बन्धित विभागों के कर्मचारी उपस्थित थे।