HPURC Dharamshala में ’इतिहास विभाग एवं ग्लोबल सेंटर फार इंडिजियस पीपल’ के सौजन्य से ’हिमालयन जनजातियों का इतिहास एवं संस्कृतिः सामाजिक स्थिति तथा निरंतरता’ विशय पर द्वि-दिवसीय अन्तर्राश्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन 27 अक्तूबर, 2023 आज हुआ।
मुख्य अतिथि प्रो0 (डॉ0) सतप्रकाष बंसल, कुलपति, CUHPU शिक्षकों एवं गैर शिक्षकों द्वारा स्वागत किया गया I मुख्यातिथि महोदय द्वारा क्षेत्रीय केन्द्र सभागार में माँ सरस्वती के समक्ष ज्योति प्रज्जवलन के साथ किया गया।
सम्मेलन में मुख्य वक्ता के रुप में प्रो0 धीरेन्द्र दत्त डंगवाल (पूर्व डीन, डॉ0 बी आर अम्बेडकर विष्वद्यिालय, दिल्ली ने भाग लिया। प्रो0 (डॉ0) धर्म प्रकाष वर्मा, निदेषक क्षेत्रीय केन्द्र धर्मषाला ने मुख्यातिथि महोदय का सम्मेलन कक्ष में पहुंचने पर औपचारिक रुप से स्वागत किया।
(डॉ0) सतप्रकाष बंसल ने इस प्रकार के कार्यक्रमों की महत्ता पर बल देते हूए उपस्थित प्रतिभागियों का मार्गदर्षन भी किया। उसी के साथ National Education Policy के महत्वपूर्ण बिन्दुओं का भी जिक्र किया I
सम्मेलन में मुख्य वक्त के रुप में उपस्थित प्रो0 धीरेन्द्र दत्त डंगवाल ने भी प्रतिभागियों एवं षोधार्थियों के संबोधित किया। महोदय ने राश्ट्रीय स्तर पर हिमालयन व अन्य क्षेत्रों में राज्यों में पाई जाने वाली भिन्न-भिन्न जनजातियों के इतिहास तथा समस्याओं का जिक्र किया। उन्होंने भारतीय औपनिवेषिक काल अथवा अंग्रेजी षासन काल में विभिन्न जनजातियों के मानवीय अधिकारों का विभिन्न अधिनियमों के माध्यम में षोशण किया। भारतीय जनजातियों के आजीविका के साधनों का किस प्रकार प्रतिबन्धित किया उसकी विस्तृत विवेचना की।
सम्मेलन में प्रथम दिवस पर उपस्थित अन्य विषिश्ट अतिथिगणों में प्रो0 कुलवंत राणा, डॉ0 अंकुष भारद्वाज, डॉ0 मोहिन्दर सलारिया, डॉ0 चेतराम, डॉ0 सकन्द मिश्रा, डॉ0 जसवीर सिंह तथा डॉ0 बलराज बरार प्रमुख रुप से उपस्थित रहे। अंतर्राश्ट्रीय सम्मेलन के संयोजक डॉ0 राजकुमार और आयोजन सचिव राजेन्दª कुमार के अनूसार प्रथम दिवस में कुल 78 प्रतिभागियों द्वारा षोध प्रपत्र पढ़ने हेतु पंजीकरण करवाया गया। इस सम्मेलन में क्षेत्रीय केन्द के 148 विद्यार्थी भाग ले रहे हैं।