केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने कहा है कि सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज प्राप्ति के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा (पीएचसी) में निवेश सबसे समावेशी, न्यायसंगत और लागत प्रभावी तरीका है। डॉ. भारती प्रवीण पवार आज यहां दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन क्षेत्रीय समिति के 76वें सत्र में मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन को संबोधित कर रही थीं।
बैठक में सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज प्राप्ति के लिए प्रमुख तत्व के रूप में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा को मजबूत बनाने पर दिल्ली घोषणा पत्र पर भी हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर डब्ल्यूएचओ एसईएआरओ (दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए क्षेत्रीय कार्यालय) की निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह, निदेशक, मालदीव के स्वास्थ्य मंत्री अहमद नसीमतिमोर लेस्ते के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. एलिया एंटोनियो डी अराउजो डॉस रीस अमरल, श्रीलंका की स्वास्थ्य मंत्री डॉ. सीता अरमबेपोला, नेपाल के स्वास्थ्य मंत्री मोहन बहादुर बस्नेत, डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया के भारत में राजदूत श्री चो हुई चोल, बांग्लादेश के स्वास्थ्य मंत्री जाहिद मलिक, डॉ. पोंगसाडहॉर्न पोकपर्मडी, इंडोनेशिया के स्वास्थ्य मंत्रालय में महानिदेशक डॉ. सिरिफ़ा लिज़ा मुनीरा, भूटान के स्वास्थ्य मंत्रालयमें कार्यवाहक सचिव पेम्बा वांगचुकऔर थाईलैंड के सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्रालय के वैश्विक स्वास्थ्य सलाहकार डॉ. विरोज तांगचारोएनसाथिएन भी उपस्थित थे।
डॉ. भारती प्रवीण पवार ने किसी को भी पीछे न छोड़ने यानी “अंत्योदय” सिद्धांत के माननीय प्रधानमंत्री के विजन की पुष्टि करते कहा कि जी20 में भारत के नेतृत्व ने लोगों को तैयारियों के केंद्र में रखकर और उन्हें प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया के लिए तैयार करके राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत बनाने के महत्व पर बल दिया। भारत की मजबूत स्वास्थ्य प्रणाली “संपूर्ण सरकार” और “संपूर्ण समाज” दृष्टिकोण पर आधारित है। उन्होंने कहा कि इससे प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा को मजबूत बनाने तथा आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं और स्वास्थ्य प्रणालियों को महामारी-पूर्व स्तर तक बेहतर बनाने के लक्ष्य के साथ सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (यूएचसी) प्राप्त करने में सुविधा होगी।
डॉ. भारती ने भारत के महत्वपूर्ण सुधारों के प्रभाव की चर्चा करते हुए कहा कि 1.61 लाख से अधिक आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और वेलनेस सेंटर (एबी-एचडब्ल्यूसी) व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की डिलीवरी में परिवर्तन ला रहे हैं जो सार्वभौमिक रूप से निशुल्क हैं और जन्म से मृत्यु तक निरंतर देखभाल दृष्टिकोण के माध्यम से सभी आयु समूहों को प्रदान की जाती हैं। उन्होंने कहा कि इससे जनसंख्या कवरेज में सुधार हो रहा है, जेब से खर्च में कमी आ रही है, जोखिम कम हो रहा है और उच्चस्तरीय सुविधाओं में भीड़ कम हो रही है। परिणामस्वरूप सभी स्तरों पर सेवा गुणवत्ता में सुधार हो रहा है।
डॉ. भारती प्रवीण पवार ने सरकार की प्रतिबद्धता और संकल्प को दोहराते हुए कहा कि भारत सरकार ने योग, साइक्लोथॉन, वॉक-ए-थॉन और फिट इंडिया और ईट राइट अभियान जैसी गतिविधियों के साथ अपना ध्यान ‘बीमारी से कल्याण’ पर स्थानांतरित कर दिया है। उन्होंने कहा, “टेलीमेडिसिन प्लेटफार्मों ने भारत की स्वास्थ्य प्रणाली को ई-संजीवनी के माध्यम से चिकित्सा सलाह प्रदान करने में सक्षम बनाया है, जिससे पहुंच बढ़ गई है।” डॉ. भारती ने कहा कि सहयोग की भावना के आलोक में’हील इन इंडिया’ पहल भारत में विश्व को किफायती, एकीकृत और समग्र उपचार प्रदान करना चाहती है।
डॉ. भारती ने भविष्य के ब्लूप्रिंट की चर्चा करते हुए कहा कि एबी-एचडब्ल्यूसी अब देखभाल के विशिष्ट क्षेत्रों यानी मानसिक स्वास्थ्य, बुजुर्गों की देखभाल और पैलीएटिव देखभाल में वर्तमान अंतराल को पाटने में सक्षम होने के लिए तैयार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) का लक्ष्य एक व्यापक डिजिटल स्वास्थ्य इको-सिस्टम बनाना और मानकों-आधारित डिजिटल स्वास्थ्य परिवर्तन की दिशा में निवेश करना होगा।
डॉ. पूनम ने एबी-एचडब्ल्यूसी में भारत में प्राथमिक स्तर पर प्रदान की जाने वाली व्यापक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की सराहना की। उन्होने कहा- “मैं निवारक सेवाओं सहित प्रदान की जा रही सेवाओं के प्रावधान से आश्चर्यचकित था।” उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी कैडर को शामिल किए जाने को भी बहुत अच्छा बताया और ‘बीमारी से तंदुरुस्ती’ की ओर बदलाव की सराहना करते हुए कहा, “हमें इसी तरह आगे बढ़ने की जरूरत है।”
इस कार्यक्रम में वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि, लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन के प्रोफेसर ऐनी मिल्स उपस्थित थे।