ऊना : उत्तरी भारत के सुप्रसिद्ध धार्मिक स्थल श्री राधा कृष्ण मंदिर कोटला कलां का वार्षिक धार्मिक समागम सोमवार को भव्य शोभायात्रा के साथ विधिवत रूप से आरंभ हुआ। इस दौरान ठाकुर जी की पालकी की अगुवाई में हजारों श्रद्धालुओं ने इस शोभायात्रा में भाग लिया। हिमाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने ठाकुर जी की पालकी को उठाकर शोभा यात्रा का आगाज किया। श्री राधा कृष्ण मंदिर के अधिष्ठाता एवं राष्ट्रीय संत बाल जी महाराज ने भी हजारों श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया। आज निकाली गई शोभायात्रा से जिला मुख्यालय और आसपास के क्षेत्र पूरी तरह से मिनी वृंदावन में तब्दील हो गए। हर तरफ हरे कृष्णा और राधे-राधे के उद्घोष से माहौल भक्ति पूर्ण बना रहा। इससे पूर्व आश्रम परिसर में प्रसिद्ध भजन गायक बाबा चित्र विचित्र ने भी मधुर भजनों की तान छेड़ते हुए श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर कर दिया।
ऊना जिला मुख्यालय के साथ लगते कोटला कलां स्थित श्री राधा कृष्ण मंदिर में प्रतिवर्ष होने वाले वार्षिक सम्मेलन का विधिवत आगाज सोमवार को भव्य शोभायात्रा के साथ किया गया। जहां इस शोभायात्रा का शुभारंभ उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने ठाकुर जी की पालकी उठाकर किया। चिंतपूर्णी सदर के विधायक सुदर्शन सिंह बबलू और कुटलैहड़ के विधायक देवेंद्र कुमार भुट्टो भी पालकी उठाकर शोभायात्रा में शामिल हुए। ठाकुर जी की पालकी के नेतृत्व में निकली इस शोभायात्रा में सैकड़ों महिलाओं ने कलश धारण कर यात्रा की अगुवाई की। शोभा यात्रा के दौरान विभिन्न देवी देवताओं की झांकियों, नर्तक दलों के साथ-साथ बैंड पार्टियां और श्रद्धालुओं की कई जत्थे बंदियां भजन कीर्तन एवं नृत्य करते हुए शामिल हुई। वहीं इस शोभायात्रा में सत्ता एवं विपक्ष से भी कई नेताओं ने हिस्सा लिया। इससे पूर्व श्री राधा कृष्ण मंदिर परिसर में उत्तर भारत के प्रसिद्ध भजन गायको की जोड़ी बाबा चित्र विचित्र ने भी मोहन भजनों की तान छेड़ते हुए श्रद्धालुओं को भगवान कृष्ण और राधा रानी के नाम के सागर में गोते लगवाए। शोभायात्रा का शुभारंभ करने पहुंचे उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश देवी देवताओ और ऋषि मुनियों की धरती है। उन्होंने कहा कि श्री राधा कृष्ण मंदिर आश्रम के अधिष्ठाता एवं राष्ट्रीय संत बाल जी महाराज क्षेत्र में धर्म जागरण की लौ को जलाकर रखने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। उन्हीं के सानिध्य में क्षेत्र में धर्म कर्म का आयोजन भी किया जाता है। उन्होंने कहा कि हमारा जिला धर्म-कर्म के मामले में हिमाचल प्रदेश में सबसे अव्वल है और इसी के आधार पर सरकार द्वारा भी धार्मिक स्थलों का उत्थान करने का महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है।