धर्मशाला : समग्र शिक्षा अभियान के तहत वीरवार को धर्मशाला में राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य टीचर्स द्वारा स्कूलों का यूडाइज डाटा (यूनीफाइड डिस्ट्रिक्ट इन्फोर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन) भरने में की जा रही गलतियों को दुरुस्त करना था। क्योंकि डाटा गलत होने से देश भर में हिमाचल की रैंकिंग नीचे गिर रही है। कार्यशाला में विशेष रूप से शिरकत करने पहुंचे स्टेट प्रोजेक्ट ऑफिसर समग्र शिक्षा कौशल ने बताया कि केंद्र सरकार देश के 36 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश हैं, उन्हें ग्रेड करती है। वर्ष 2021 की परफार्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (पीजीआई) की जो रिपोर्ट केंद्र सरकार ने निकाली है, उसमें हिमाचल की रैंकिंग काफी नीचे चली गई है। इसके बाद स्टेट लेवल पर हाई लेवल मीटिंग हुई थी, जिसमें यह निर्णय लिया गया कि जो प्रेजेंटेशन मीटिंग में दी गई है, इसी तरह की प्रेजेंटेशन को जिलों में जिला व ब्लाक स्तर के अधिकारियों सहित प्रोजेक्ट ऑफिसर्स के साथ सांझा किया जाए।
उन्होंने बताया कि कई बार सामने आया है कि यूडाइज डाटा टीचर थोड़ा गलत भर देते हैं, ऐसे में टीचर्स को डाटा की इर्म्पोटेंस बताना जरूरी है कि गलत डाटा की वजह से परिणाम यह सामने आ रहे हैं कि देश भर में हिमाचल की रैंकिंग नीचे जा रही है। इसलिए इस तरह की वर्कशॉप हर जिला में की जा रही हैं। जिला कांगड़ा आठवां जिला है, जहां पर यह वर्कशॉप की जा रही है, शुक्रवार को ऊना में वर्कशॉप का आयोजन किया जाएगा।
उसके बाद किन्नौर, हमीरपुर और बिलासपुर जिला बाकी रहेंगे। सतीश कौशल ने बताया कि टीचर्स को वर्कशॉप के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है कि वर्ष 2023 का जो डाटा इसी माह फ्रीज करना है, उसे सही ढंग से फ्रीज करें। स्कूल प्रमुख डाटा को फ्रीज करने से पहले सर्टिफिकेट देते हैं, सर्टिफिकेट पोर्टल पर अपलोड होने के बाद ही स्कूल का डाटा फ्रीज होता है। इसी तरह ब्लाक और जिला स्तर का डाटा फ्रीज किया जाता है और अंत में स्टेट से डाटा फ्रीज होता है, फ्रीज होने के बाद डाटा में चेंज नहीं किया जा सकता। डॉटा सही ढंग से फ्रीज हो, इसी की जानकारी वर्कशॉप में दी जा रही है। वर्कशॉप में शामिल शिक्षक व अन्य ब्लाक स्तर पर जाकर इस बारे में जानकारी सांझा करेंगे।