हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में वन नेशन-वन इलेक्शन के लिए गठित कमेटी को सराहनीय और समयानुकूल बताया।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में वन नेशन-वन इलेक्शन के लिए गठित कमेटी को सराहनीय और समयानुकूल बताया। इस निर्णय का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सदैव वन नेशन-वन इलेक्शन की पक्षधर रही है। देश में वन नेशन-वन इलेक्शन की संभावना तलाशने के लिए गठित यह कमेटी निश्चित तौर पर सार्थक पहल है। यह कमेटी इस विषय पर विचार करने के बाद अपनी रिपोर्ट देगी, जिसके तहत वन नेशन-वन इलेक्शन के लाभ सामने आएंगे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह सपना वर्षों पुराना है और इस दिशा में आगे बढ़ते हुए यह पहला कदम है। उन्होंने कहा कि हम यह मानते हैं कि भारत जैसे विशाल देश के लिए वन नेशन-वन इलेक्शन होना बहुत जरूरी है। हम शुरू से ही इसके पक्षधर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद कुछ वर्षों तक लोकसभा और विधानसभा के चुनाव साथ-साथ होते थे, लेकिन विभिन्न कारणों से बाद में यह परंपरा टूट गई। वन नेशन-वन इलेक्शन लागू होने से हर साल होने वाले चुनावों पर खर्च होने वाली भारी धनराशि की बचत होगी। एक साथ चुनाव होने से करदाताओं के पैसे बचेंगे और इन पैसों का इस्तेमाल जनता की भलाई के लिए किया जा सकेगा और सरकारें भी चुनाव के इस दबाव से मुक्त होकर जनहित के निर्णय ले सकेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में हर साल कहीं न कहीं चुनाव होते रहते हैं और इन चुनावों में मशीनरी व संसाधनों का इस्तेमाल किया जाता है। बार-बार चुनाव के कारण आदर्श आचार संहिता लागू करने से सरकार समय पर कोई नीतिगत फैसला भी नहीं ले पाती है और योजनाओं को लागू करने में बाधाएं उत्पन्न होती हैं।
वन नेशन-वन इलेक्शन होने से इस प्रकार के कई व्यवधानों से छुटकारा मिलेगा और जनहित के कार्य करने के लिए और अधिक समय मिलेगा। उन्होंने कहा कि देश में एक साथ चुनाव होने से भ्रष्टाचार और काले धन पर बहुत हद तक रोक लगेगी। इसके अलावा, एक ही समय में चुनाव होने से मतदान में लोगों की भागीदारी भी बढ़ेगी और लोकतंत्र को मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि बार-बार चुनाव होने से आम आदमी को होने वाली परेशानियों से भी निजात मिलेगी। उन्होंने कहा कि स्वयं भारत के निर्वाचन आयोग ने भी वन नेशन-वन इलेक्शन को अपनाने का सुझाव दिया था। इसके अलावा, लॉ कमीशन ने भी 1999 में अपनी रिपोर्ट में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ करवाने की बात कही थी। इतना ही नहीं, पार्लियामेंट की स्टैंडिंग कमेटी ने भी वर्ष 2015 और 2018 में इस बात पर जोर दिया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे आशा है कि इस विषय पर आगे सार्थक चर्चा होगी और इस पर व्यापक सहमति बनेगी, जिससे देश आगे बढ़ेगा।