हिमाचल प्रदेश के इतिहास में पहली बार राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) को अदालत के आदेश पर हटाया जाएगा। नोएडा के कारोबारी निशांत शर्मा को धमकाने से जुड़े केस में कोर्ट ने मंगलवार को ही मौजूदा DGP संजय कुंडू को उनके पद से हटाने का अंतरिम आदेश दिया था। हाईकोर्ट के इस आदेश से राज्य सरकार की भी किरकिरी हुई है, क्योंकि\ अदालत ने 21 दिसंबर को ही केस की सुनवाई के दौरान सख्त टिप्पणी कर संकेत दे दिए थे लेकिन सरकार ने उसे गंभीरता से नहीं लिया। 26 दिसंबर को कोर्ट ने केस की निष्पक्ष जांच पर संदेह जताते हुए कुंडू को DGP पद से हटाने को कह दिया।
उधर अदालत के आदेश के बाद राज्य में नए डीजीपी को लेकर चर्चाएं तेज हो गई है। 1989 बैच के सीनियर IPS अफसर और प्रदेश में जेल महकमे के मौजूदा DG एसआर ओझा नए DGP हो सकते हैं। केंद्र में डेपुटेशन पर तैनात रहे ओझा एक महीने पहले ही हिमाचल लौटे हैं। ओझा और संजय कुंडू एक ही बैच के IPS अफसर हैं। संजय कुंडू की रिटायरमेंट अप्रैल 2024 में है वही एसआर ओझा मई-2025 में रिटायर होंगे।
4 जनवरी से पहले लगाना होगा नया DGP, कोर्ट की ओर से नियुक्त न्यायमित्र नीरज गुप्ता ने भी अदालत में दलील दी थी कि संजय कुंडू के DGP पद पर रहते इस केस की निष्पक्ष जांच संभव नहीं है।
अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार को 4 जनवरी से पहले राज्य में नया DGP लगाना होगा। अदालत में केस की अगली सुनवाई 4 जनवरी को है और उस दिन राज्य सरकार को अदालत के ऑर्डर की कंप्लायंस रिपोर्ट सब्मिट करनी है।
1988 बैच के तपन कुमार दिल्ली में IB डायरेक्टर ओझा और संजय कुंडू से भी सीनियर यानी 1988 बैच के हिमाचल कॉडर के IPS अफसर तपन कुमार डेका अभी दिल्ली में IB के डायरेक्टर
है। मगर, वह पिछले साल रिटायर हो चुके हैं और केंद्र सरकार ने उन्हें एक साल की एक्सटेंशन दी है।
सालभर पहले तक, हिमाचल में विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस पार्टी ने DGP संजय कुंडू को उनके पद से हटाने के लिए राजभवन के बाहर प्रदर्शन किया था। कांग्रेसी नेताओं ने
कुंडू को तत्कालीन BJP सरकार के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का करीबी बताते हुए उन्हें पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती पेपर लीक का मास्टरमाइंड तक ठहराया था।