हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया के विजन के अनुरूप सुदूर क्षेत्रों तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने के उद्देश्य से नवम्बर 2019 में शुरू हुई ई-संजीवनी सेवा आज नागरिकों के लिए बेहद कारगर साबित हो रही है। हरियाणा में भी ई-संजीवनी ओपीडी की सेवाएं 16 अगस्त 2021 से 24 घंटे उपलब्ध कराई जा रही हैं। ई-संजीवनी ओपीडी के माध्यम से 1 लाख 2 हजार परामर्श दिए गए हैं। ई- संजीवनी इस बात का प्रमाण हैं कि भारत में डिजिटल स्वास्थ्य का युग आ चुका है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सोमवार को चंडीगढ़ में सीएम की विशेष चर्चा कार्यक्रम के तहत ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ई-संजीवनी स्वास्थ्य सेवा के लाभार्थियों से सीधा संवाद किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौर में घर से बाहर निकलना जोखिमपूर्ण था। इस वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए लॉकडाउन लगाना पड़ा था। उस समय लोग बीमार होने पर कोविड से बचाव को ध्यान में रखते हुए अस्पताल जाने से डरते थे। यदि अस्पताल जाएं भी तो वहां मरीजों की भारी संख्या के चलते डॉक्टर से मिल पाना बहुत मुश्किल था। ऐसे समय में घर बैठे चिकित्सीय परामर्श लेकर उपचार करवाने के लिए ई-संजीवनी सेवा अत्यंत कारगर साबित हुई। हरियाणा में इस सेवा की शुरुआत 1 मई, 2020 को की गई थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने हर व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के लिए टेलीपरामर्श को व्यापक और सशक्त बनाया है। प्रदेश के हर जिला सिविल अस्पताल में एक-एक अर्थात 22 टेलीकंसल्टेशन हब स्थापित किये गये हैं। इससे भी एक कदम और आगे बढ़कर पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ की सांझेदारी में एक स्पेशलिस्ट हब और एक सुपर स्पेशलिस्ट हब शुरू किये गये हैं। इनके माध्यम से स्पेशलिस्ट और सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों से सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और उप स्वास्थ्य केन्द्रों का सीधा सम्पर्क संभव हो सका है। इस टेली- परामर्श सेवा को राज्य के सभी जिलों से जोड़ा गया है। इसके माध्यम से अब तक लगभग 2 लाख 50 हजार टेली- परामर्श प्राप्त हो चुके हैं। उल्लेखनीय बात यह है कि इनमें से 50 प्रतिशत परामर्श पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ के विशेषज्ञ हब के डॉक्टरों से मिले हैं।