पहाड़ी राज्य में दूरदराज और दुर्गम क्षेत्रों की चुनौतियों से निपटने के लिए ड्रोन का सहारा लिया जाएगा। प्रदेश सरकार प्रौद्योगिकी में ड्रोन तकनीक जैसे नवाचार से प्रदेश की आर्थिकी मजबूती देने की तैयारी में है। वर्तमान में प्रौद्योगिकी में ड्रोन तकनीक जैसे नवाचार का उपयोग कई समस्याओं के समाधान में कारगर है। ऐसे में सुक्खू सरकार ने राज्य की भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रख कृषि—बागवानी क्षेत्रों में मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) या ड्रोन का अधिकतम उपयोग करने का निर्णय लिया है।
ड्रोन तकनीक कृषि, बुनियादी ढांचे, निगरानी, खनन, भू-स्थानिक मानचित्रण, आपातकालीन प्रतिक्रिया, परिवहन, रक्षा और कानून प्रवर्तन सहित विभिन्न महत्वपूर्ण क्षेत्रों में तेजी से लोकप्रिय हो रही है। यह एक ऐसा उपकरण है जो अपनी व्यापकता से रोजगार और आर्थिक विकास में सहयोगी है, विशेषकर दूरदराज और दुर्गम क्षेत्रों के लिए। विशेषज्ञों का कहना है कि राज्य में हरित आवरण को बढ़ाने के लिए ड्रोन का उपयोग कठिन और दूर-दराज के क्षेत्रों में बीज प्रसारक के रूप में किया जा सकता है। ड्रोन तकनीक के माध्यम से राज्य के दूरदराज के क्षेत्रों में उगाई जाने वाली पारंपरिक हिमाचली फसलों और खाद्यान्नों की मैपिंग भी की जा सकती है।
चौधरी सरवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को प्रौद्योगिकी और अपने शोध को प्रयोगशालाओं से खेतों तक ले जाने के लिए कहा गया है। कृषि क्षेत्र में ड्रोन दक्षता बढ़ाने, कीटनाशकों और उर्वरकों की बर्बादी में कमी लाने, पानी की बचत के साथ किसानों के लिए एक वरदान साबित होगा। ड्रोन से पारंपरिक छिड़काव विधियों की तुलना में कम मात्रा में छिड़काव और उर्वरक अनुप्रयोग की लागत में कमी होगी। इससे खतरनाक रसायनों के प्रति मानव जोखिम भी कम हो जाएगा।
ड्रोन तकनीक को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने ड्रोन पायलट को कॅरिअर के रूप में अपनाने के इच्छुक युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए जल्द ही विभिन्न औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में ड्रोन पाठ्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया है। यह तकनीक विभिन्न क्षेत्रों में रोज़गार की व्यापक संभावनाएं भी दे रही है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि ड्रोन तकनीक किसानों—बागवानों को संबल देने, कानून—व्यवस्था की निगरानी के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी अहम भूमिका निभा सकती है।
बागवानी उत्पादों के परिवहन में ड्रोन सफल
दुर्गम क्षेत्रों से बागवानी उत्पादों के परिवहन के लिए ड्रोन के उपयोग की पहल भी सफल रही है। हाल ही में प्रदेश में भारी बारिश के कारण कई गांव सड़कों से कट गए और ड्रोन ने इन क्षेत्रों में दवाओं की आपूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कोविड के संकटकाल के दौरान यह भी देखा गया कि ड्रोन तकनीक परिपक्व हुई और स्वास्थ्य क्षेत्र में इसका बखूबी उपयोग किया गया।