तीन-दिवसीय प्रवर्तन मामलों में सहयोग से संबंधित वैश्विक सम्मेलन (जीसीसीईएम), जिसका उद्घाटन केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमन ने 30 अक्टूबर, 2023 को किया था, सीमा-पार अपराधों के खिलाफ लड़ाई में सीमा शुल्क प्रशासन, अंतरराष्ट्रीय संगठनों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच सहयोग को मजबूत करने के संकल्प के साथ आज नई दिल्ली में संपन्न हुआ। अपने उद्घाटन भाषण में, केन्द्रीय वित्त मंत्री ने विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय एवं सहयोग बढ़ाने पर जोर देते हुए अवैध व्यापार को रोकने, मास्टरमाइंड को पकड़ने और सिंडिकेट के नेटवर्क को तोड़ने की आवश्यकता पर जोर दिया था।
सम्मेलन के विभिन्न तकनीकी सत्रों में दुनिया भर में सामने आई व्यापक समस्याओं पर विचार किया गया। चर्चा में मुख्य ध्यान कोविड-19 महामारी के बाद तस्करी के परिदृश्य और उभरते रुझानों पर केन्द्रित किया गया। नशीले पदार्थों से संबंधित सीमा-पार अपराधों से निपटने पर समर्पित सत्रों में तस्करी सिंडिकेट द्वारा अपनाई गई नई प्रौद्योगिकियों, नवीन साधनों और विकसित सोर्सिंग एवं वितरण विधियों की ओर ध्यान आकृष्ट किया गया।
अन्य तकनीकी सत्रों में तंबाकू तस्करी, जो संगठित आपराधिक सिंडिकेट से जुड़ी एक वैश्विक परिघटना बन गई है, से निपटने से जुडी सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों पर भी चर्चा की गई। विभिन्न क्षेत्रों एवं देशों की वनस्पतियों, जीवों और विरासत की रक्षा करने की दृष्टि से, सत्र के दौरान रेड सैंडर्स सहित प्राकृतिक संसाधनों की तस्करी का मुकाबला करने के लिए विचारों का आदान-प्रदान किया गया। ई-कॉमर्स की अनूठी प्रकृति, बहुत कम लागत और तस्करों के लिए कम जोखिम वाले विकल्प के साथ गुमनामी के कारण ई-कॉमर्स और पोस्टल/एक्सप्रेस खेपों की बढ़ती मात्रा से निपटने की चुनौती पर विस्तार से चर्चा की गई। चर्चा धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) और कीमती धातुओं एवं रत्नों सहित प्रतिबंधित वस्तुओं की सीमा-पार तस्करी के बीच के संबंधों का पता लगाने के लिए नियामकों द्वारा अपनाई गई कार्यप्रणालियों पर केन्द्रित रही।
चर्चा के दौरान प्रशासन द्वारा क्षमता निर्माण, संसाधनों को बढ़ाने और देशों के भीतर एवं बाहर अंतर-एजेंसी सहयोग का निर्माण करने जैसे कदमों को रेखांकित किया गया। जोखिमों की पहचान करके और खतरों से निपटने के लिए व्यापक रणनीति बनाकर आपूर्ति श्रृंखलाओं में होने वाली घुसपैठ से निपटने के लिए प्रशासन और संगठनों द्वारा उठाए जा सकने वाले कदमों के बारे में भी विस्तार से चर्चा की गई।
सीमा शुल्क अधिकारियों सहित प्रतिभागियों से अंतरराष्ट्रीय और संगठित अपराधों से निपटने के क्रम में अंतरराष्ट्रीय सहयोग प्राप्त करने हेतु उपलब्ध तंत्र का उपयोग करने का आग्रह किया गया। विभिन्न सीमा शुल्क संबंधी संधियों, संकल्पों, सीएमएए, डब्ल्यूसीओ समझौतों के साथ-साथ इंटरपोल सहायता के तौर-तरीके, सभी सदस्य देशों के लाभ के लिए सीमा शुल्क अपराधों से संबंधित जानकारियों का आदान-प्रदान करने हेतु विभिन्न देशों के वैश्विक सीमा शुल्क संचार नेटवर्क एवं सीईएनकॉम के उपयोग तथा प्रोग्राम ग्लोबल शील्ड, एआईआरसीओपी, जेएआईटीएफ एवं सीसीपी सी एंड एयर सहित वर्तमान में चल रही विभिन्न डब्ल्यूसीओ परियोजनाओं से संबंधित अद्यतन स्थिति पर प्रकाश डाला गया।
प्रतिभागियों ने सर्वसम्मति से उन कार्रवाई योग्य खुफिया जानकारियों को समय पर साझा करने के महत्व पर सहमति व्यक्त की जो सीमा शुल्क प्रशासन और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के बीच एक मजबूत नेटवर्क बनाने पर निर्भर करती है। उक्त अपराधों के खिलाफ प्रवर्तन की दिशा में अधिक सहयोग और जुड़ाव का समर्थन करने के लिए संबंधित घरेलू कानूनों के अधीन मौजूदा द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय जुड़ाव तंत्र का लाभ उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
जीसीसीईएम, 2023 के निष्कर्षों का सारांश बताते हुए, डीआरआई के प्रधान महानिदेशक ने यह भी कहा कि सूचनाओं के आदान-प्रदान और जांच कार्यों में सहायता से निर्मित ‘नेटवर्क’ प्रवर्तन संबंधी कार्यों को मजबूत करेगा और यह ‘अंतरराष्ट्रीय आपराधिक नेटवर्क’ को खत्म करने का एकमात्र स्थायी उपाय है।