सिधिविनायक टाइम्स शिमला। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार और पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह पर भाजपा ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि प्रदेश की 3577 पंचायतों के विकास कार्य जानबूझकर ठप किए जा रहे हैं। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता संदीपनी भारद्वाज ने दावा किया कि 15वें वित्त आयोग के तहत केंद्र से जारी ₹170 करोड़ की राशि अब तक पंचायतों तक नहीं पहुंचाई गई है। उनका कहना है कि यह लापरवाही केवल प्रशासनिक कमजोरी नहीं बल्कि वित्तीय अव्यवस्था और सरकार की जानबूझकर नीतियों का परिणाम है। संदीपनी भारद्वाज ने बताया कि सितंबर-अक्टूबर 2025 में केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई इस राशि से गांवों में स्वच्छता, पेयजल, सड़क मरम्मत, रिटेनिंग वॉल, पंचायत भवन, सार्वजनिक स्थल और महिला एवं युवक मंडलों के विकास कार्य होने थे, लेकिन पैसे के न मिलने के कारण सभी योजनाएं ठप पड़ गई हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जब पंचायतों के खातों में पैसा ही नहीं पहुंचा, तो उपयोगिता प्रमाण पत्र, प्रगति रिपोर्ट और अगली किस्त की प्रक्रिया कैसे पूरी होगी।
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भाजपा प्रवक्ता ने बताया कि 15वें वित्त आयोग की राशि 100% केंद्र सरकार द्वारा दी जाती है और इसमें राज्य सरकार का कोई योगदान नहीं होता। यह राशि 70% ग्राम पंचायतों, 15% पंचायत समितियों और 15% जिला परिषदों को वितरित की जाती है। टाइड फंड स्वच्छता और पेयजल के लिए और अनटाइडेड फंड स्थानीय प्राथमिकताओं के विकास कार्यों के लिए होता है, लेकिन सुक्खू सरकार की लापरवाही के कारण न तो टाइड फंड जारी हुआ और न ही अनटाइडेड फंड। संदीपनी भारद्वाज ने पंचायती राज मंत्री के बयान “रिपोर्ट आने के बाद स्थिति स्पष्ट करेंगे” को गैर-जिम्मेदाराना करार देते हुए पूछा कि ₹170 करोड़ किसके पास फंसे हैं और पंचायतों में रुके विकास कार्यों की भरपाई कब होगी। भाजपा ने चेतावनी दी है कि यदि यह राशि शीघ्र जारी नहीं की गई, तो पार्टी सड़क से सदन तक जोरदार संघर्ष करेगी। उनका कहना है कि यह केवल धन का मामला नहीं है, बल्कि प्रदेश के गांवों के भविष्य से खिलवाड़ है और कांग्रेस को स्पष्ट करना होगा कि ₹170 करोड़ आखिर कहां गए।





















