शिमला।
संत निरंकारी सत्संग भवन शिमला में ज़ोनल लैवल इंगलिश मीडियम संत समागम का आयोजन किया गया। सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज के संदेश को शिमला के अतिरिक्त अन्य ब्रांचों के नौजवानों ने स्पीच, ग्रुप सांग, स्किट आदि द्वारा प्रस्तुत किया। इस अवसर पर केंद्रीय प्रचारक विशाल गंभीर ने कहा कि ब्रहमज्ञान की प्राप्ति के बाद जब गुरसिख सत्संग-सेवा-सिमरन करने लगता है तो उसकी दृष्टि में बदलाव आने लग जाता है, फिर धीरे-धीरे उसकी दिशा भी ठीक होने लगती है। इससे उसका ध्यान इस सर्वव्यापी परमात्मा व सतगुरु के प्रति परिपक्व होता चला जाता है।
विशाल गंभीर कहा कि सतगुरु बाबा गुरबचन सिंह महाराज ने वर्ष 1973 से इंगलिश मीडियम सतगुरु की शुरुआत की थी। वर्तमान युग में संसार के अधिकतर 100 देशों में अंग्रेजी भाषा का अनुसरण किया जाता है। सतगुरु क्योंकि दूरदर्शी होते हैं इसलिए आज से 50 वर्ष पहले ही सतगुरु ने अंग्रेजी मीडियम सत्संग का आयोजन शुरू करवा दिया जिससे कि यह ब्रह्मज्ञान संसार के कोने-कोने में पहुंचाया जा सके।
उन्होंने कहा कि उन्होंने एन.वाई.एस. में सतगुरु माता सुदीक्षा से यह प्रश्न पूछा था कि आने वाले 20 वर्षों में आप संत निरंकारी मिशन का भविष्य क्या देखते हैं । इस पर सतगुरु माता ने कहा कि आने वाले 20 वर्षो में संसार के हर देश में संत निरंकारी मिशन के अनुयायी होंगे। नौजवानों ने भ्रम-भुलेखे और दिखावे बारे सतगुरु माता के प्रवचनों की चर्चा करते हुए कहा कि ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति मनुष्य जन्म का अन्त नहीं बल्कि एक भ्रम-मुक्त जीवन की शुरूआत है जिसमें दिखावे के लिए कोई जगह नहीं है। सतगुरु ने ब्रह्मज्ञान प्रदान कर हमारे लिए व्यवहारिक अध्यात्मिकता के द्वार खोल दिए हैं।
इस अवसर पर शिमला जोन के ज़ोनल इन्चार्ज कैप्टन एनपीएस भुल्लर ने सभी ब्रांचों के मुखी, संयोजक व नौजवानों का जिन्होंने कितनी मेहनत करके इस समागम को सफल बनाया सभी का धन्यवाद किया। इस समागम के आयोजन के लिए संयोजक हेमराज भारद्वाज तथा सभी सेवादल अधिकारियों का भी धन्यवाद किया तथा सभी के लिए हर प्रकार के सुखों की प्राप्ति की कामना की।