धर्मशाला।
तिब्बतियों के 11वें धर्मगुरु पंचेन लामा की रिहाई के लिए तिब्बती वुमन एसोसिएशन की महिलाओं ने शुक्रवार को मैक्लोडगंज से धर्मशाला तक प्रोटेस्ट मार्च किया। इस दौरान तिब्बती महिला एसोसिएशन ने चीन को पंचेन लामा को रिहा करने की मांग उठाई। इस दौरान तिब्बती महिलाओं ने चीन की दमनकारी नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। आज 29 साल पूरे हो गए हैं, अब चीनी सरकार में सन पावन इवें पयेन लामा, लेनजिन गैहुन येशी चिनले फुटसोक, जिन्हें गैडुन चोएक्यी न्थिमा के नाम से भी जाना जाता है और उनके परिवार ताशी म्युनयो मठ के पूर्व मठाधीश और 11वे पंचेन लामा और जंगण युगल बीज समिति के प्रमुख चाईल रिनपोछे को जबरन गायब कर दिया था। वर्ष 1995 से तिब्बती महिला संघ गैहुत चोएक्यों न्गिमा के जबरन अपहरण की याद दिलाता है।
तिब्बती वुमन एसोसिएशन की उपाध्यक्ष सेरिंग डोलमा ने कहा कि 17 मई 1995 को तिब्बती धर्मगुरु 14वें दलाईलामा द्वारा उन्हें पंपेन लामा के रूप में मान्यता दिए जाने के तीन दिन बाद चीनी अधिकारियों ने गेडुन चोएब्यो नियमा जो उस समय 6 वर्ष के थे उनका अपहरण कर लिया और बौद्ध धर्म की निंदा, अपमान और अवहेलना की। उन्होंने कहा कि दलाईलामा ने कहा कि धर्म किसी कार्य या प्रदर्शन से नहीं आता। हमें धर्म और धार्मिक होने का सही अर्थ जानने के लिए अपने भीतर प्रकट होना चाहिए। गैडुत चोएक्वी न्थिमा का जन्म 25 अप्रैल 1989 को तिब्बत के नागधू में कुचोक फुटसोक और देचेन चोएडीन के घर हुआ था 10वें पंचेन लामा की मृत्यु के बाद, दलाईलामा ने 14 मई, 1995 को गेडुन चोएक्यो न्थिमा को 11वें पंचेन लामा के रूप में मान्यता दी और घोषणा की।
सेरिंग डोलमा ने कहा कि हम चाहते हैं कि चीनी सरकार 11वें पंचेन लामा की वर्तमान स्थिति और ठिकाने की जानकारी तुरंत जारी करे। इसी के साथ 11वें पंचेन लामा गेवुन चोएज्यो दियमा और तिब्बत के सभी राजनीतिक कैदियों की रिहाई का आग्रह करते हैं। उन्होंने कहा कि हम चीनी सरकार से संवाद को बढ़ावा देने और तिब्बतियों के मानवाधिकारों की मान्यता देने का आग्रह करते हैं। उन्होंने मांग की कि संस्कृति और धर्म को संरक्षित करने के लिए चीनी कानून द्वारा निर्धारित कानूनी और अधिकारी के अनुसार औपनिवेशिक बोर्डिग स्कूल को बंद किया जाए। उन्होंने कहा कि हम 11वें पंचेन लामा तेनजिन गैडुन येशी चिनले फुटसीक की लंबी उस की प्रार्थना करते हैं और आशा करते हैं कि वह जल्द ही ताशी ल्हुनपी मठ में अपने सही घर लौट पाएंगे।