पालमपुर पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शांता कुमार ने कहा कि सौभाग्य से पूरा भारत राममय हो गया है और विपक्ष भी भगवानमय हो गया है। कोई सुन्दरकाण्ड करवा रहा है तो कोई अपने क्षेत्र के मन्दिर में जा रहा है। कुछ चुपचाप बैठे है, कुछ विरोध कर रहे है। भारत के लिए यह व्यवहार कोई नया नही है। स्वतन्त्र होने के बाद जब भारत ने सोमनाथ मन्दिर का पुर्ननिर्माण करने का इसी प्रकार का बहुत बड़ा ऐतिहासिक काम किया था जो भारत के इतिहास की एक बहुत बड़ी ऐतिहासिक सांस्कृतिक घटना थी तब भी इन लोगों ने इसी प्रकार का विरोध किया था। परन्तु उस समय के राश्ट्रपति डाॅ0 राजेन्द्र प्रसाद और गृहमत्री पटेल के प्रयत्नों से वह काम पूरा हुआ। उस समय के प्रधानमंत्री पण्डित जवाहर लाल नेहरू जी के रोकने के बाद भी राष्ट्रपति ने सोमनाथ मन्दिर का उद्घाटन करने के लिए आये थे। इतिहास अपने आपको दोहरा रहा है।
- इन्होंने कहा आज ही विरोधी इतनी बोखलाहट में है तो 22 जनवरी को जब 500 सालों के कठोर संगर्ष के बाद अयोध्या में राम मन्दिर का निर्माण पूरा होगा तब इन विरोधियों की हालत क्या होगी। इतना ही नही कुछ ही महीनों के बाद जब इतिहास के सब रिकार्ड तोड़ कर राम भक्त मोदी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनेंगे। तब यह विरोधी क्या करेंगे और कहां जाएंगे। भारत के इतिहास में यह पहला मौका है जब भारत के प्रधानमंत्री विष्व के 190 देशो के प्रधानमन्त्रियों में सबसे अधिक लोकप्रिय है। यह पहला मौका है जब दूर दूर तक भाजपा और नरेन्द्र मोदी जी का कोई विकल्प नजर नही आता। घमंडियां नाम को विपक्ष लगड़ाते-लगड़ाते बहुत पीछे लटका दिखाई देगा।