हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक घटनाक्रम के बाद अब लोकसभा चुनाव का माहौल गरमा गया है हिमाचल की मंडी लोकसभा सीट सबसे हाई प्रोफ़ाइल बन गयी।बीजेपी ने बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत को उम्मीदवार बनाया है उधर कांग्रेस उनके मुकाबले के लिए वर्तमान सांसद व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह को मैदान में उतारने की तैयारी में है। जल्द टिकट का एलान हो सकता जिससे मण्डी सीट पर कड़ा मुकाबला होने वाला है
हिमाचल प्रदेश सरकार में लोकनिर्माण मंत्री व मण्डी लोकसभा क्षेत्र के प्रभारी और प्रतिभा सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह ने अभिनेत्री व मण्डी लोकसभा से बीजेपी प्रत्याशी पर जुबानी हमला बोला है और पूछा है कि आपदा के समय कंगना रनौत कहां गायब थीं अब चुनाव में भाजपा द्वारा प्रत्याशी बनाने के बाद ही क्यों कंगना रनौत को मंडी की खूबियां दिख रही है पहले क्यों सुख दुख नही दिखा।मण्डी में जो शताब्दी की सबसे बड़ी त्रासदी आई कई पुल बह गए , सड़के पूरी तरह से ध्वस्त हो गयी , पूरे संसदीय क्षेत्र में लोगो के घर ध्वस्त हो गए थे हजारों करोड़ का नुकसान हुआ तब कंगना रणोत कंहा थी।बेटी सिर्फ चुनाव के वक्त की ही बेटी नहीं होती। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि क्या अगर वो चुनांव जीतती हैं तो वे मण्डी लोकसभा क्षेत्र के पंचायतों, ब्लाकों व उपमंडल में जाएगी उन्होंने कहा कि प्रतिभा सिंह ने पूरे मण्डी संसदीय क्षेत्र में आपदा के वक्त मुख्यमंत्री के साथ लोगो का दर्द समझा औऱ विकास कार्य किये हैं।कंगना रनौत को चुनावो में इन बातों का जवाब देना होगा। लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने आपदा के दौरान बेहतरीन काम करके दिखाया।केंद्र सरकार से राज्य सरकार को कोई सहयोग नहीं मिला।बावजूद इसके राज्य सरकार ने आपदा प्रभावितों के लिए 4 500 करोड़ रुपए का राहत पैकेज जारी किया।
विक्रमादित्य सिंह ने भारतीय जनता पार्टी पर भी जमकर निशाना साधा और कहा कि भारतीय जनता पार्टी एक वॉशिंग मशीन की तरह काम कर रही है। कोई भी नेता जब भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो जाता है, तब वह पूरी तरीके से साफ छवि वाला बन जाता है अगले ही दिन उसके सभी केस भी खत्म कर दिए जाते हैं। विक्रमादित्य सिंह ने दावा किया कि कांग्रेस पूरी मजबूती के साथ हिमाचल प्रदेश की चारों लोकसभा सीट के साथ सभी छह उपचुनाव में चुनाव लड़ेगी और जीतेगी। जिन छ लोगों लोगों ने पार्टी के साथ धोखा किया है उसका भी जवाब जनता देगी। अगर कोई नाराजगी थीं तो उसका पार्टी और सरकार ने बातचीत से हल निकाला जा सकता था ऐसी बगावत की जरुरत नहीं थी।