सुजानपुर। विधानसभा क्षेत्र सुजानपुर की दशकों पुरानी समस्याओं को लेकर गुरुवार को निस्वार्थ भाव संगठन, मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन के अध्यक्ष और संयुक्त कर्मचारी महासंघ के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. सुरेंद्र डोगरा के नेतृत्व में सैकड़ों लोगों का प्रतिनिधिमंडल लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह से मिला। डॉक्टर डोगरा कीगरात्र की सबसे गंभीर समस्याओं को विस्तार से मंत्री के सामने रखा — इनमें से चार प्रमुख सड़कें ऐसी हैं जिनकी हालत अस्सी सालों से बदहाल है और कई गाँव अब तक एम्बुलेंस मार्ग तक से वंचित हैं।
80 वर्षों से सड़क नहीं — एंबुलेंस तक नहीं पहुँच सकती
मुलाक़ात के दौरान आसपास के कई गांवों के लोग मौजूद रहे, जिनका कहना था कि 80 साल से सड़क न होने के कारण एंबुलेंस तक नहीं पहुँच पाती।
चबूतरा गांव, जो सुजानपुर का अंतिम छोर है, के ग्रामीणों ने बताया कि सरकारी जमीन न होने का हवाला देकर काम कई बार रोका गया, जबकि वास्तविकता में यहां राजस्व भूमि उपलब्ध है।
इकलौता पक्का रास्ता भी अब टूट-फूट कर असुरक्षित स्थिति में पहुंच चुका है।
भूस्खलन से घर ढहे, लोग बेघर — राहत की गुहार
इस वर्ष भारी भूस्खलन से चबूतरा क्षेत्र में कई परिवारों की जमीन खिसक गई और घर ढह गए।
इन्हीं समस्याओं को लेकर ग्रामीण मंत्री से दोबारा मिले और तत्काल राहत व स्थायी समाधान की मांग रखी।
प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री विक्रमादित्य सिंह का किया जोरदार स्वागत
पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह का सुजानपुर विधानसभा पहुंचने पर डॉ डोगरा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने गर्मजोशी से स्वागत किया। इस दौरान समाजसेवी संजय शर्मा “बड़का भाऊ” सहित क्षेत्र के कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।
मुलाक़ात आशावान, मंत्री ने सभी मुद्दे गंभीरता से सुने” — डॉ. सुरेंद्र डोगरा
डॉ. सुरेंद्र डोगरा ने कहा कि मुलाक़ात बेहद सकारात्मक रही और मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने हर समस्या को गंभीरता से सुना है।
डॉ डोगरा ने कहा कि अब उम्मीद है कि इन पुरानी व गंभीर समस्याओं को प्राथमिकता देकर हल करवाया जाएगा और सुजानपुर की जनता को राहत मिलेगी।
सुजानपुर में वर्षों से कद्दावर नेताओं पूर्व विधायक राजेंद्र राणा और वर्तमान विधायक कैप्टन रंजीत सिंह की मौजूदगी के बावजूद कई मूलभूत समस्याएँ अनसुलझी रहीं। लेकिन अब जनता के भीतर यह उम्मीद साफ़ दिख रही है कि डॉ. सुरेंद्र डोगरा ही वे व्यक्ति हैं जो इन पुरानी, उपेक्षित समस्याओं का वास्तविक समाधान करवाने में सक्षम हैं। ग्रामीणों ने माना कि जिन मुद्दों को हमेशा नजरअंदाज किया गया, उन्हें डॉ. डोगरा ने पहली बार इतने संगठित ढंग से सरकार के सामने उठाया है।















