धर्मशाला : छात्र हित और शिक्षकों से जुड़ी विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार को हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ (एचजीटीयू) के प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र चौहान व अन्य पदाधिकारियों ने प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड सचिव डा. मेजर विशाल शर्मा के साथ बोर्ड मुख्यालय धर्मशाला में बैठक की। बैठक उपरांत एचजीटीयू प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने प्रेसवार्ता में बताया कि बोर्ड की ओर से लगभग सभी मांगों को सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान कर दी गई है।
प्रमुखता से में मांग पत्र में निम्नलिखित बातें हैं :
दसवीं और बारहवीं के प्रश्नपत्र बोर्ड द्वारा 9वीं व 11वीं के प्रश्नपत्रों के साथ छोड़े जाएंं।
10वीं और 12वीं के प्रेक्टिकल एग्जाम एक्सटर्नल किए जाएं।
फ्लाइंग स्क्वायड में नॉन टीचिंग स्टाफ के बजाय टीचिंग स्टाफ की डयूटी लगाई जाए।
8 किलोमीटर से अधिक दूरी से एग्जाम व पेपर चेकिंग डयूटी देने आने वाले शिक्षकों को टीए-डीए दिया जाए।
प्रश्न बैंक के लिए शिक्षा बोर्ड विषय विशेषज्ञों की नियुक्ति सुनिश्चित करे।
उन्होंने बताया कि टीचर बोर्ड के लिए जो काम करते हैं, उससे 2 फीसदी बोर्ड काट लेता है, जिसकी करोड़ों रुपये की राशि बोर्ड के पास पड़ी है। जिस पर टीचर्स के लिए टीचर होलीडे होम की सुविधा उपलब्ध करवाने पर बोर्ड सचिव ने बताया कि ज्वालाजी में एक माह के भीतर 8 कमरों का होलीडेहोम टीचर्स को सौंप दिया जाएगा। धर्मशाला में भी जल्द यह सुविधा मिलेगी। इसके अलावा शिमला में ऐसी व्यवस्था नहीं है, जिस पर बोर्ड सचिव ने कहा कि इस बारे सरकार को प्रस्ताव भेजेंगे, 5 हजार वर्ग मीटर एरिया लीज पर लिया जा सकता है या फिर कोई भवन लिया जा सकता। बोर्ड सचिव ने एक वर्ष के भीतर शिमला में भी होलीडे होम सुविधा उपलब्ध करवाने की बातक ही है।
एचजीटीयू ने 5वीं, 8वीं, 9वीं, 10वीं, 11वीं व 12वीं कक्षाओं के प्रश्न बैंक बनाने की बात कही, जिस पर बोर्ड की ओर से कहा गया कि हम पहली से बारहवीं तक प्रश्न बैंक बनाने जा रहे हैं, शिक्षक वर्ग सहयोग करे। वीरेंद्र चौहान ने कहा कि प्रश्न बैंक होने से बच्चे के अभिभावक भी उसका टेस्ट ले सकते हैं, जिससे कि बच्चों के मन से एग्जाम के फोबिया को खत्म किया जा सके। चौहान ने कहा कि 9वीं व 11वीं के प्रश्नपत्र उपनिदेशक कार्यालय में छोड़े जाते हैं, जबकि कई जिलों में जिला मुख्यालय तक पहुंचना मुश्किल होता है, ऐसे में 10वीं व 12वीं के प्रश्नपत्रों के साथ ही 9वीं व 11वीं के प्रश्नपत्रों को छोड़ने की व्यवस्था की मांग की गई है।
चौहान ने कहा कि बोर्ड डेटशीट जानी करने से पहले संघ से बैठक की मांग भी बोर्ड के समक्ष रखी है, जिसे बोर्ड ने स्वीकार किया है। इस बार भी डेटशीट को लेकर उठे सवालों के बाद बोर्ड ने शिक्षक संघ से बैठक की थी। संघ की ओर से एसओएस एग्जाम अलग से करवाने की बात कही गई, जबकि इस बार बोर्ड ने नियमित के साथ एसओएस एग्जाम रखे हैं, यदि यह सफल रहते हैं तो इसे आगे भी बढ़ाया जाए, अन्यथा एसओएस एग्जाम अलग से करवाए जाएं। डिस्टेंस सर्टिफिकेट के झंझट से टीचर्स को अब निजात मिलेगी, क्योंकि बोर्ड ने इसके लिए अपने स्तर पर व्यवस्था करने की बात कही है।
डीएलएड प्रशिक्षुओं के प्रेक्टिकल एग्जाम निजी संस्थानों के बजाय डाइट स्तर पर करवाए जाएं। वीरेंद्र चौहान ने कहा कि डीएलएड का प्रेक्टिकल 300 नंबर का होता है, ऐसे में निजी जेबीटी संस्थानों के बजाय डाइट स्तर पर इसका संचालन होने से पारदर्शिता बनी रहेगी।