हरियाणा में पिछले 3 दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश के मद्देनजर स्थिति का जायजा लेने हेतु मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिला उपायुक्तों के साथ आपात बैठक की। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि आम नागरिक को किसी प्रकार की समस्या नहीं होनी चाहिए, इसका विशेष ध्यान रखा जाए।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अंबाला, पंचकूला, यमुनानगर जिलों के उपायुक्तों को विशेष निर्देश देते हुए कहा कि लोगों को नदियों के पास न जाने दें। यमुना, घग्घर व अन्य छोटी नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, क्योंकि हिमाचल प्रदेश में भी लगातार बारिश होने के चलते नदियों में पानी लगातार बढ़ रहा है। इसलिए निचले इलाकों को खाली करवाना सुनिश्चित करे। नरवाना ब्रांच और एसवाईएल में भी पानी अपनी पूरी क्षमता तक बह रहा है। इसलिए जिला उपायुक्त नजर बनाये रखें। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि बोरियों में मिट्टी भरवाकर तैयार रखें, ताकि यदि कहीं कोई नदी या ड्रेन में कोई कटाव होता है तो उसे तुरंत कंट्रोल किया जा सके।
उन्होंने सभी जिला उपायुक्तों को निर्देश देते हुए कहा कि राज्य में औसत से कई अधिक बारिश हो रही है, इसलिए उपायुक्त अपने-अपने जिलों में हर स्थिति पर कड़ी नजर बनाए रखें। यदि किसी इलाके में पानी भरता है तो लोगों को रेस्क्यू करने के साथ-साथ लोगों के लिए भोजन के पैकेट पहुंचाना व स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाना सुनिश्चित करें।मुख्यमंत्री ने कुरुक्षेत्र के उपायुक्त को निर्देश दिए कि पिहोवा -अंबाला सड़क पर कुछ किनारों से मिट्टी खिसकने की सूचना मिली है, इसलिए इस पर नजर बनाए रखें और मिट्टी के कटाव को रोकें।
इसके अलावा, उन्होंने पंचकूला की उपायुक्त को भी पिंजौर -बद्दी सड़क पर पुल टूटने के कारण लोगों को हो रही परेशानी का समाधान निकालने व हिमाचल के अधिकारियों से समन्वय स्थापित करके कोई अन्य मार्ग की व्यवस्था करवाने के प्रयास करें। उन्होंने निर्देश दिए कि दक्षिण हरियाणा के जिलों में पानी पहुंचाने वाली नेचुरल और कृत्रिम ड्रेन पूरी तरह से कार्यात्मक हों। इसके अलावा, दक्षिण हरियाणा के जिन-जिन इलाकों में लिफ्ट करके पानी पहुंचाया जाता है, वहां भी उत्तर हरियाणा से आने वाले पानी को इन इलाकों में पहुंचाया जाए। उन्होंने कहा कि उत्तर हरियाणा से बहने वाला बरसाती पानी को दक्षिण हरियाणा तक पहुंचाया जाए, जिससे न केवल इन इलाकों में वर्षभर पानी की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी और उत्तर हरियाणा में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने से भी निजात मिलेगी।मुख्यमंत्री ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि नदियों के तल में कुछ अवैध निजी बिल्डिंग बनी हुई हैं, उन्हें हटाया जाए, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। उन्होंने नगर एवं ग्राम आयोजना तथा शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अधिकारियों को भी निर्देश दिए कि भविष्य में शहरीकरण के दौरान पानी की निकासी की प्लानिंग पर विशेष ध्यान दिया जाए।
उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि ड्रेनों की सफाई, मरम्मत और रखरखाव के लिए भी एसओपी तैयार की जाए। बरसात के मौसम से 3 महीने पहले सभी ड्रेनों की मॉनिटरिंग करें ताकि कहीं कोई कमी हो तो उसे ठीक किया जा सके।