हिमाचल प्रदेश के पूर्व कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू करने के फैसले का स्वागत किया है। नए कानून से अब पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदायों से संबंधित अल्पसंख्यक भारतीय नागरिक बन सकेंगे। नागरिकता संशोधन विधेयक 9 दिसंबर 2019 को लोकसभा में प्रस्तावित किया गया था। 9 दिसंबर 2019 को ही यह विधेयक सदन से पारित हो गया। 11 दिसंबर 2019 को यह विधेयक राज्यसभा से पारित हुआ था। नागरिकता अधिनियम में देशीयकरण द्वारा नागरिकता का प्रावधान किया गया है। पूर्व मंत्री ने मंगलवार को ऊना जिला मुख्यलय पर स्थित भाजपा कार्यालय दीप कमल में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में कई साहसिक फैसले लिए हैं।
हिमाचल प्रदेश के पूर्व कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने मंगलवार को ऊना जिला मुख्यालय पर आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन अधिनियम को लागू करने का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यह संशोधन पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में रह रहे अल्पसंख्यकों की सुरक्षा में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि भारत का विभाजन धार्मिक आधार पर किया गया था, लेकिन आज इन्हीं पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यक समुदाय की हालत बेहद बदतर हो चुकी है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में हिंदू 28 फीसदी थे, लेकिन आज वह मात्र एक से डेढ़ प्रतिशत तक रह गए है। दूसरी तरफ बांग्लादेश में हिंदुओं की कुल संख्या 18 फ़ीसदी थी, लेकिन आज वह 8 फीसदी तक है। उन्होंने कहा कि इसका सीधा-सीधा कारण या तो उनका धर्मांतरण या फिर उनकी हत्या रहा है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर से भी एक वर्ग विशेष के लोगों को पाकिस्तानी हमले के दौरान खदेड़ा गया। वह 75 साल से देश के अलग-अलग हिस्सों में शरणार्थी के तौर पर रह रहे हैं लेकिन उन्हें भी आज तक देश के नागरिक का दर्जा नहीं दिया गया। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लिया गया नागरिकता संशोधन अधिनियम का फैसला बेहद महत्वपूर्ण और सकारात्मक है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धारा 370 को हटाकर जो प्रभावी कदम उठाया वह देश का अब तक का सबसे बड़ा साहसिक फैसला रहा है।