मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के किसानों के बेटे-बेटियों ने प्रदेश का नाम रोशन किया है। अभी हाल ही में हुए एशियन गेम्स में 30 प्रतिशत मेडल हरियाणा के खिलाड़ियों ने जीते हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि आज आधुनिकता का युग है। खेती में नई तकनीक और मशीनीकरण का अत्यधिक प्रयोग हो रहा है। किसानों को अब हाथ से ज़्यादा काम नहीं करना पड़ता। आधुनिकता ने किसानों के काम को और सुलभ कर दिया है। उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों ख़ासकर कृषि विश्वविद्यालय हिसार की प्रशंसा करते हुए कहा कि वैज्ञानिकों ने नए नए बीजों की किस्मों की खोज की है, जिससे फसलों का उत्पादन बढ़ा है।उन्होंने किसानों से अपने खेत की मिट्टी और पानी की जाँच करवाने का आह्वान करते हुए कहा कि इससे किसानों को अपने खेत में होने वाली फसल और कौन सी खाद उपयोग में लाई जानी सही है, इसकी जानकारी मिलेगी। किसानों से फ़सल विविधीकरण अपनाने की अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए सरकार भी किसानों को प्रोत्साहन दे रही है। पानी की बचत करने की दिशा में धान के स्थान पर अन्य फसल को बोने पर 7 हज़ार रुपये प्रति एकड़ किसान को दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों की फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ख़रीद रही है। कुछ फसलों को भावांतर भरपाई के ज़रिए ख़रीदा जा रहा है। अभी बाजरा की फसल को हेफ़ेड द्वारा 2200 रुपये प्रति क्विंटल पर ख़रीदा जा रहा है। सरकार किसानों को इस पर 300 रुपये प्रति क्विंटल भावान्तर भरपाई योजना का लाभ दे रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि फसल पैदावार के साथ उसकी गुणवत्ता को सुधारने के लिए हमें ध्यान देना होगा। प्राकृतिक खेती की ओर किसानों को रुझान बढ़ाने की दिशा में काम करने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद करते हुए कहा कि एसवाईएल नहर पर हमारे हक़ पर सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नहर का निर्माण अवश्य होगा। उन्होंने कहा कि एसवाईएल नहर पर आम आदमी पार्टी का दोहरा चेहरा सामने आया है। हरियाणा के किसान दोगली राजनीति करने वालों को समझते हैं और उनकी यह दोगली राजनीति यहाँ नहीं चलेगी। उन्होंने कहा कि एसवाईएल हरियाणा का हक़ है और इसे सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनज़र लागू करवाया जाएगा।