शिमला।
कांग्रेस संविधान को खतरे में बता रही हैं जो सरासर झूठ है। कांग्रेस धार्मिक आधार पर आरक्षण देना चाहती है जोकि एससी, एसटी का आरक्षण खतरे में है। यह बात भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुसूचित मोर्चा लाल सिंह आर्या ने शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान कही। उन्होंने कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के घोषणापत्र में कहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने स्वार्थ के लिए देश में एमरजेन्सी जनता पर थोप दी। लोगों को बंधक बनाया और उनकी स्वतंत्रता को छीना एवं विपक्षी नेताओं को जेल तक में डाला। यह संविधान की हत्या थी। कांग्रेस ने अपने शासनकाल में कभी भी संविधान दिवस तक नहीं मनाया, जबकि नरेन्द्र मोदी ने सरकारी स्तर पर मनाना शुरू किया और संसद में चर्चा तक करवाने का कार्य किया।
लाल सिंह आर्या ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस अंबेडकर के खिलाफ है, संविधान सभा के सदस्य के खिलाफ है और सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों के खिलाफ रही है। अंबेडकर को कांग्रेस ने संसद जाने से रोका जबकि वे शोषित दलित और पिछडे वर्गां के लिए संसद जाना चाहते थे। कांग्रेस ने नाम के जीते जी समान दिया न ही मरनोपंरात, जबकि नरेन्द्र मोदी ने उनको भारत रत्न देकर उनका सम्मान दिया। इससे पता चलता है कि कांग्रेस दलित विरोधी, संविधान विरोधी है।
अध्यक्ष ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में बाबा साहिब अंबेडकर ने 370 का विरोध किया था, बाद में उसे लगाकर बाबा साहिब का अपमान किया। एक देश एक संविधान को प्रधानमंत्री मोदी ने लागू किया और तबसे जम्मू-कश्मीर से शांति बनी हुई है और नौकरियों व विधानसभा में आरक्षण बहाल हुआ। प्रधानमंत्री मोदी ने महर्षि वाल्मिकी के नाम पर हवाई अड्डा बनवाया और मध्यप्रदेश में रविदास मंदिर बनवाया। उन्होंने संविधान के अनुसार सभी को समान अवसर प्रदान किए हैं और सरकार में 12 मंत्री अनुसूचित जाति के 11 अनुसूचित जनजाति और 11 महिला 28 ओबीसी को संविधान की भावना के अनुसार काम करवाया। अटल बिहारी वाजपेयी ने अपनी सरकार में अब्दुल कलाम को राष्ट्रपति मोदी सरकार में रामनाथ कोविंद अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से द्रोपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाया। कांग्रेस ने चुनी सरकारों को गिराने का काम किया सवंधिन में 90 के करीब संशोधन किए जबकि असल में कांग्रेस संविधान की हत्या की है।