चंडीगढ़ : त्योहारों के मौसम के जोर पकड़ने के साथ शहर खुशी के जश्न में डूबे हुए हैं। त्योहार के इस सीज़न में स्वच्छता की ओर ध्यान आकर्षित किया गया है। बाजारों में भारी भीड़ उमड़ रही है। आवास और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा ‘स्वच्छ दीपावली, शुभ दिवाली’ अभियान शुरू किए जाने के साथ अभियान से शहरों को प्रेरणा मिली और शहर स्वच्छ और पर्यावरण अनुकूल त्योहार मनाने के लिए प्रोत्साहित हुए। चंडीगढ़ ने स्वयं की अनूठी पहल की है, यह पहल न केवल बाजारों में स्वच्छता को प्रोत्साहित करती है, बल्कि अपने परिवेश को स्वच्छ रखने के लिए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना को भी बढ़ावा देती है। एमसीसी ने विभिन्न मानकों के आधार पर स्वच्छता के स्तर का मूल्यांकन करने के लिए ‘स्वच्छ बाजार प्रतियोगिता शुरू की है। प्रतियोगिता के दौरान बाजारों का मूल्यांकन सामान्य स्वच्छता, सार्वजनिक शौचालयों की स्वच्छता, ट्विन बिन की उपलब्धता तथा रखरखाव, बाजार संघों द्वारा एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक के खिलाफ किए गए उपायों, ‘से नो टू प्लास्टिक’ पर जागरूकता फैलाने, अपशिष्ट पृथक्करण, बाजार क्षेत्रों के सौंदर्यीकरण, पर्यावरण अनुकूल विकल्पों का उपयोग करने वाली दुकानों के आधार पर किया जाएगा।
चंडीगढ़ ने 3आर की अवधारणा को अपनाते हुए, स्वच्छ, हरित उत्सव के दौरान टिकाऊ उपहार के विचार को बढ़ावा दिया। स्वयं सहायता समूहों की महिला कारीगरों की ओर से नागरिकों द्वारा आरआरआर केंद्र में दान में दिए गए कपड़ों का उपयोग कर सुंदर हस्तनिर्मित पोटलियां बनाई गई है। ये पोटली नगर निकाय के पर्यावरण अनुकूल स्टोर ‘आरंभ’ में उपलब्ध होंगी। इसे न केवल कचरे को कम करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है, बल्कि महिलाओं को स्थायी आय भी प्रदान की जा रही है।