ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) और भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) ने एक ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए, जो भारत में महिला-नीत उद्यमों की यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। दो वर्षों के लिए निर्धारित इस एमओयू पर आज ग्रामीण विकास सचिव शैलेश कुमार सिंह और अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सिडबी शिवसुब्रमण्यम रमन की उपस्थिति में डीएवाई-एनआरएलएम और सिडबी द्वारा हस्ताक्षर किए गए। ग्रामीण आजीविका के अपर सचिव चरणजीत सिंह ने डीएवाई-एनआरएलएम की ओर से दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर किए, जबकि एसआईडीबीआई का प्रतिनिधित्व उनके मुख्य महाप्रबंधक डॉ. एसएस आचार्य ने किया। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित अन्य गणमान्य व्यक्तियों में ग्रामीण आजीविका की दो संयुक्त सचिवों, स्मृति शरण और स्वाति शर्मा और ग्रामीण आजीविका के निदेशक राघवेंद्र प्रताप सिंह और सिडबी के उप महा प्रबंधक सौरव बाजपेयी शामिल थे।
इसका उद्देश्य औपचारिक वित्त तक सुव्यवस्थित पहुंच के लिए मानक प्रोटोकॉल, प्रणाली और प्रक्रियाओं को संस्थागत बनाना, साथ ही नए वित्तीय उत्पादों और योजनाओं के लिए एक व्यापक ढांचे का विकास करना है।
इस गठबंधन से अपेक्षित प्रमुख परिणाम हैं:
- अनुभवी एसएचजी सदस्यों को सूक्ष्म उद्यमियों में बदलने को बढ़ावा देने के लिए राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एसआरएलएम) टीमों की बढ़ी हुई क्षमता और सामर्थ्य
- महिला-नीत उद्यमों के लिए एक विश्वसनीय और संवेदनशील सहायता ढाचे के की स्थापना, जिसमें प्रक्षेत्र कैडर, संरक्षक और विशेषज्ञों का एक नेटवर्क शामिल है
- महिला-नीत उद्यमों की सहायता करने के लिए डीएवाई-एमआरएलएम के भीतर मानकीकृत प्रोटोकॉल का कार्यान्वयन
- वित्तीय संस्थानों और वित्तपोषकों के नेटवर्क के साथ साझेदारी का गठन
- क्रेडिट गारंटी और ब्याज छूट जैसी नई वित्तीय योजनाओं की रूपरेखा और कार्यान्वयन
- महिला-नीत उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए स्पष्ट, स्केलेबल मॉडल का निर्माण I
डीएवाई-एनआरएलएम और एसआईडीबीआई की शक्तियों को मिलाकर, यह पहल महिला उद्यमियों के लिए नए मार्ग खोलेगी I