राज्यसभा में हुए घटनाक्रम की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह की, नैतिकता के आधार पर देना चाहिए था इस्तीफ़ा,
सरकार अस्थिर नही तो त्रिदेव (सुक्खू, अग्निहोत्री और प्रतिभा सिंह चिंतित क्यों,
हिमाचल में लोकसभा की चारों सीटों के साथ उपचुनाव भी जीतेगी भाजपा, गिरेगी सुक्खू सरकार,,, जय राम ठाकुर नेता प्रतिपक्ष. हिमाचल में चल रहे सियासी भूचाल के बीच आरोप प्रत्यारोप की राजनीति जारी है. बीते रोज़ कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री और प्रदेशाध्यक्ष ने भाजपा पर साजिश के तहत सरकार गिराने के आरोप जड़े थे. जिस पर पलटवार करते हुए नेता विपक्ष जय राम ठाकुर ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा.
जय राम ठाकुर ने कहा की भाजपा ने सरकार गिराने के कोशिश नही की बल्कि मुख्यमंत्री की करनी से सरकार खतरे में पड़ी. राज्यसभा में कांग्रेस के उम्मीदवार को मिली हार के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह को नैतिक जिम्मेदारी लेकर त्याग पत्र दे देना चाहिए था. खेमों में बंटी कांग्रेस के नेता भी यही चाहते थे कि हिमाचल में नेतृत्व परिवर्तन किया जाए. अलाकमान ने मुख्यमंत्री पर लोकसभा चुनावों के बाद निर्णय होगा ये कहकर कांग्रेस के नाराज़ नेताओं को शांत किया गया. ई वोटर सर्वे का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा की भाजपा का 400 पार का नारा सच होता दिखाई दे रहा है.
महिलाओं को 1500 पंद्रह माह बाद भी वायदे के मुताबिक न देना और लोकसभा चुनावों से पहले बिना बजट में प्रावधान के 1500 की घोषणा करना महिलाओं के प्रति छल है. इसका दोष भाजपा को देना गलत है.
उपमुख्यमंत्री बार बार सरकार अस्थिर करने की बात कर रहे हैं उनको ये कहने की इसलिए जरूरत पड़ रही है कि सरकार सच में ही स्थिर नही है.
अब कर्मचारियों के मन में डर बिठाया जा रहा है की भाजपा आयेगी तो ops बन्द कर देगी लेकिन ऐसा नही होगा, भाजपा बदले की राजनीति नही करती है. हिमाचल में बिगड़े हालातों के लिए कांग्रेस सरकार खुद जिम्मेदार है. जय राम को दोष देना सही नही है.