वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाराणसी में संत गुरु रविदास की 647वीं जयंती को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के पास सीर गोवर्धनपुर में संत गुरु रविदास जन्मस्थली मंदिर में रविदास पार्क से सटे संत रविदास की नव स्थापित प्रतिमा का उद्घाटन किया। उन्होंने संत रविदास जन्मस्थली के आसपास लगभग 32 करोड़ रुपये के विभिन्न विकास कार्यों का भी उद्घाटन किया और लगभग 62 करोड़ रुपये की लागत से संत रविदास संग्रहालय और पार्क के सौंदर्यीकरण की आधारशिला रखी।
सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने संत रविदास जी की 647वीं जयंती पर उनकी जन्मस्थली पर सभी का स्वागत किया। देश भर से श्रद्धालुओं की भागीदारी को ध्यान में रखते हुए, प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से पंजाब से काशी आने वाले लोगों की भावना की सराहना की और कहा कि काशी एक मिनी पंजाब जैसा दिखने लगा है। प्रधानमंत्री ने संत रविदास की जन्मस्थली का दोबारा दौरा करने और उनके आदर्शों और संकल्प को आगे बढ़ाने के लिए आभार व्यक्त किया।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि काशी के प्रतिनिधि के रूप में उन्हें संत रविदास के अनुयायियों की सेवा करने का अवसर मिला। प्रधानमंत्री ने संत रविदास की जन्मस्थली के उन्नयन के लिए योजनाओं का उल्लेख किया, जिसमें मंदिर क्षेत्र का विकास, पहुंच मार्गों का निर्माण, पूजा, प्रसाद आदि की व्यवस्था शामिल है। प्रधानमंत्री ने संत रविदास की नई प्रतिमा की चर्चा की और संत रविदास संग्रहालय की आधारशिला रखी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज महान संत और समाज सुधारक गाडगे बाबा की भी जयंती है और मोदी ने वंचितों और गरीबों के उत्थान में गाडगे बाबा के योगदान पर प्रकाश डाला। वाराणसी ने बताया कि बाबा साहेब अंबेडकर गाडगे बाबा के काम के बहुत बड़े प्रशंसक थे और गाडगे बाबा भी बाबा साहेब से प्रभावित थे। प्रधानमंत्री ने गाडगे बाबा की जयंती पर उन्हें भी नमन किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि संत रविदास की शिक्षाओं ने हमेशा उनका मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि वे संत रविदास के आदर्शों के अनुरूप सेवा करने काअवसर मिलने के लिए आभारी हैं। उन्होंने हाल ही में मध्य प्रदेश में संत रविदास स्मारक के शिलान्यास का जिक्र किया।
प्रधानमंत्री ने भक्ति आंदोलन में संत रविदास जी की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा, “यह भारत का इतिहास है कि संत, ऋषि या महान व्यक्तित्व के रूप में एक उद्धारकर्ता जरूरत के समय सामने आता है।” प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि संत रविदास जी ने विभाजित और खंडित भारत को फिर से ऊर्जावान बनाया है। उन्होंने कहा कि रविदास जी ने समाज में स्वतंत्रता को अर्थ दिया और सामाजिक विभाजन को भी पाट दिया।
उन्होंने कहा, ”संत रविदास को मत और धर्म की विचारधाराओं में नहीं बांधा जा सकता”, उन्होंने कहा, ”रविदास जी सबके हैं और सभी रविदास जी के हैं।” मोदी ने कहा कि जगतगुरु रामानंद के शिष्य के रूप में वैष्णव समुदाय भी संत रविदास को अपना गुरु मानता है और सिख समुदाय उन्हें बहुत आदर की दृष्टि से देखता है। प्रधानमंत्री मोदी ने रेखांकित किया कि गंगा में आस्था रखने वाले और वाराणसी से जुड़े लोग संत रविदास जी से प्रेरणा लेते हैं। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि वर्तमान सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र पर चलते हुए संत रविदास की शिक्षाओं और आदर्शों को आगे बढ़ा रही है।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ और संत गुरु रविदास जन्म स्थान मंदिर न्यास के अध्यक्ष संत निरंजन दास सहित अन्य उपस्थित थे।
रविदास जी सबके हैं, और सब रविदास जी के हैं। pic.twitter.com/sXJy0s2QIc
— PMO India (@PMOIndia) February 23, 2024