शिमला।
ओकार्ड इंडिया और हिमालय मंच की ओर से आयोजित आठवां राष्ट्रीय पुस्तक मेला संपन्न हो गया। इस मेले के आयोजन में एसआर हरनोट की संस्था हिमालय मंच का भरपूर सहयोग रहा। उन्हीं के बलबूते यह मेला किया जा सका। शिमला में साहित्य में खेमेबाजी और सरकार से अपेक्षित सकारात्मक सहयोग न मिलने से एक छोटी सी संस्था के लिए सीमित संसाधनों के अंतर्गत इस तरह के बड़े आयोजन करना, अत्यंत कठिन काम है। फिर भी ओकार्ड इंडिया के निदेशक राकेश गुप्ता, स्टार नोट कुछ संस्थाओं और पुस्तक प्रेमी संस्था लेखन के सहयोग से यह संभव हो पाया है।
राष्ट्रीय स्तर के वाणी प्रकाशन, आधार प्रकाशन, नायर पब्लिकेशन, निखिल प्रकाशन, राजकमल प्रकाशन, और भारत सरकार के प्रकाशन संस्थान जैसे बड़े प्रकाशकों की भागीदारी से यह मेला सफल रहा है, लेकिन कुछ स्थान का अभाव, संसाधनों की कमी के चलते कुछ प्रकाशक भाग नहीं ले सके, इसका दुःख है। स्थानीय भाषा विभाग, उच्च अध्ययन संस्थान और संग्रहालय की पुस्तकों का अभाव खटकता रहा। इनकी भागीदारी सुनिश्चित होनी चाहिए। ओकार्ड इंडिया ने इस बार लेखक कवि गणेश गनी को सम्मान प्रदान किया है।
विभिन्न साहित्यिक कार्यक्रमों में लेखकों की भागीदारी से हमारा उत्साह बढ़ता है और हम मेले की आयोजन के लिए लालायित रहते हैं। अन्यथा शिमला में सरकार और साहित्यिक संस्थाओं का अपेक्षित सहयोग नहीं मिल पाना निराशाजनक है। मेले की सफलता में प्रकाशकों, विद्यालयों, साहित्यिक संस्थाओं, लेखकों और कलाकारों तथा प्रिंट और सोशल एवं डिजिटल मीडिया का सहयोग प्रशंसा के काबिल है।