शिमला स्मार्ट सिटी शिमला के प्रोजेक्ट्स में वित्तीय अधिनियमिताएं हुई है जिसके चलते प्रोजेक्ट्स पूरे नहीं हो पाए हैं कुछ प्रोजेक्ट तो ऐसे हैं जिनका काम ही शुरू नहीं हो पाया है। सरकार ऐसे प्रॉजेक्ट्स का पैसा अधूरे पड़े कार्यों को पूरा करने के लिए डायवर्ट करने की तैयारी में है।
शिमला शहरी विधायक हरीश जनारथा ने कहा है कि स्मार्ट सिटी के कार्यों में वित्तीय अनियमताएं हुई है और बिना डीपीआर और योजना के कार्य शुरू किए हैं जिसकी सरकार जांच करेगी।
हरीश जनारथा ने कहा कि स्मार्ट सिटी के केंद्र से फंड आना 2022 से बंद हो चुका है एक्सटेंशन केवल कार्यों को पूरा करने की मिल रही है। सरकार को लोन लेकर स्मार्ट सिटी कर अधूरे प्रॉजेक्ट पुरे करने पड़ रहे हैं। जिन प्रॉजेक्ट्स का कार्य शुरू नही हो पाया है सरकार उनके पैसे को 70 से 80 फीसदी पुरा हो चुके प्रोजेक्ट्स में डायवर्ट करने वाली है हालांकि मुख्यमंत्री ने भी बजट में अधूरे प्रोजेक्ट्स को पुरा करने के लिए फंड के प्रावधान की बात कहीं है।
सरकार स्मार्ट सिटी प्रोजेस्ट्स के कार्यों के कागज खंगाल रही है और वित्तीय अनियमिताओं की जांच की जाएगी दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।