शिमला।
देश में अभी नीट परीक्षा का विवाद थमा भी नहीं था कि यूजीसी नेट की परीक्षा रद्द होने से एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है। परीक्षा आयोजित होने के एक दिन बाद ही सरकार ने परीक्षा रद्द करने का एलान कर सभी को चौंका दिया है। एनटीए द्वारा कराई जाने वाली नीट की मेडिकल एंट्रेस परीक्षा भी सवालों के घेरे में है और फिलहाल सुप्रीम कोर्ट इसकी समीक्षा कर रहा है। अब यूजीसी-नेट की परीक्षा रद्द होने से गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। यूजीसी नेट परीक्षा रद्द होने के विरोध में शुक्रवार को एसएफआई कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ़ के खिलाफ हल्ला बोला। धरने के दौरान कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री का पुतला फूंका और इस्तीफे की मांग उठाई। वहीं SFI ने कहा NTA संस्था को भंग किया जाए।
एसएफआई के राज्य सचिव दिनित देंटा ने प्रतियोगी परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की निंदा करते हुए कहा कि NEET घोटाले का मुद्दा अभी सुलझ भी नहीं पाया है कि यूजीसी-नेट परीक्षा का मामला सामने आ गया है। उन्होंने कहा कि दोनों परीक्षाएं नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने आयोजित की हैं। एनटीए द्वारा आयोजित की गई परीक्षा में लाखों छात्र शामिल हुए हैं। भारी गर्मी के बावजूद देश व प्रदेश के युवाओं ने अपने दूरदराज के गांवों से आकर हजारों रुपए खर्च करके ये परीक्षा दी थी, लेकिन इतनी तैयारी व मेहनत से परीक्षा देने के बाद उनको पता चलता है कि इसमें भारी धांधली के चलते परीक्षा रद्द कर दी है जो उनकी निराशा को बढ़ाता है।
दिनित देंटा ने कहा कि इन प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली से निरन्तर देश के नौजवानों के भविष्य के साथ केंद्र सरकार खिलवाड़ कर रही है। केंद्र सरकार द्वारा गठित निकायों के द्वारा आयोजित परीक्षाओं में धांधलियां अपने चर्म सीमा पर है। उन्होंने कहा कि SFI मांग करती है कि NTA जैसी भ्रष्ट संस्था को भंग किया जाए और शिक्षा मंत्री नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दें। उन्होंने कहा कि अगर इस मामले में कार्यवाही नहीं की जाती है तो छात्रों को लामबंद कर एसएफआई उग्र प्रदर्शन करेगी।