धर्मशाला (कांगड़ा)।
कांग्रेस पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. कैलाश पराशर और कांगड़ा-चंबा संसदीय क्षेत्र के मीडिया कोआर्डिनेटर संजीव गांधी ने भाजपा नेता मेजर विजय सिंह मनकोटिया के मुख्यमंत्री सुखिवंद्र सिंह सुक्खू और कांगड़ा-चंबा के काग्रेस प्रत्यााशी एवं पूर्व मंत्री आनंद शर्मा के खिलाफ दिए गए बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा लोकसभा चुनाव में अपनी जमीन खिसकती देख कांग्रेस के भगोड़े और दलबदलू नेताओं का सहारा लेकर झूठी व गलत बयानबाजी कर रही है।
एक बयान में कांग्रेस नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रदेश के हर क्षेत्र का एक समान विकास करने में जुटे हुए हैं, बल्कि स्वयं हिमाचल भाजपा के नेता केंद्र सरकार की मदद से प्रदेश के विकास में बाधा पहुंचाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय के नाम पर भाजपा शुरू से ही ओछी राजनीति खेलती आ रही है। पहले भाजपा के नेता एवं केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने धर्मशाला के लिए घोषित केंद्रीय विवि को दो हिस्सों में बांट कर इसका एक भाग देहरा ले गए और वहां काम भी शुरू करवा दिया। फिर पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के कार्यकाल में जिला कांगड़ा की घोर उपेक्षा की गई। आपसी खींचतान के चलते तत्कालीन जयराम सरकार ने केंद्रीय विवि के धर्मशाला कैंपस में एक ईंट तक नहीं लगने दी। इतना ही नहीं जिस धनराशि को जारी करने की बात करके घड़ियाली आंसू बहाए जा रहे हैं, वह धनराशि भी पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में 5 साल तक जमा नहीं करवाई गई थी।
पहाड़ी भाषा में आनंद शर्मा के साथ कभी भी खुली बहस करें
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने केंद्रीय विवि के लिए जमा करवाने वाली राशि की रि-असेस्मेंट करवाकर 15 करोड़ का एस्टिमेट बनवाया है और आर्थिक दिक्कतों के बावजूद वे यह धनराशि जारी करने की बात कह चुके हैं। वहीं केंद्र सरकार इस मामले को लटकाने में लगी है। उन्होंने कांगड़ा-चंबा संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी आनंद शर्मा को बाहरी कहने पर मेजर मनकोटिया और भाजपा नेताओं की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि अगर उनको आनंद शर्मा के हिमाचली होने पर शक है तो वे पहाड़ी भाषा में उनके साथ कभी भी खुली बहस कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि आईआईटी मंडी, निफ्ड कांगड़ा के अलावा पालमपुर में टी-बोर्ड का कार्यालय, कंदरोड़ी में औद्योगिक पार्क, शिमला में पासपोर्ट कार्यालय, परवाणु में भारतीय कौशल विकास संस्थान, नालागढ़ और घुमारवीं में परिधान प्रशिक्षण और डिजाइन केंद्र समेत कई संस्थानों की लंबी फेहरिस्त, है, जो आनंद शर्मा ने केंद्रीय मंत्री रहते हुए हिमाचल को दिए हैं।