सिधिविनायक टाइम्स शिमला। हिमाचल प्रदेश में दवाओं के सैंपल फेल होने के मामले ने एक बार फिर जनस्वास्थ्य और सरकारी निगरानी व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता संदीपनी भारद्वाज ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में बनी 47 दवाओं का मानकों पर खरा न उतरना अत्यंत चिंताजनक है और यह प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि पैरासिटामोल, मेटफॉर्मिन, रेमिप्रिल और क्लोपिडोग्रेल जैसी आम और जीवनरक्षक दवाओं का फेल होना मरीजों की सुरक्षा के साथ सीधा समझौता है। सोलन, सिरमौर और ऊना जिलों से जुड़े मामलों को लेकर उन्होंने कहा कि फार्मा हब माने जाने वाले हिमाचल की साख को इससे गहरी ठेस पहुंची है।
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भाजपा प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि दवा निर्माण में अनियमितताओं को सरकारी संरक्षण मिल रहा है और निरीक्षण व गुणवत्ता नियंत्रण की प्रक्रिया कमजोर कर दी गई है। उन्होंने कहा कि जब तक दोषी कंपनियों और जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई नहीं होती, तब तक ऐसी घटनाएं दोहराई जाती रहेंगी। साथ ही उन्होंने मेडिकल डिवाइस पार्क परियोजना को लेकर भी कांग्रेस सरकार की मंशा पर सवाल उठाए और कहा कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना को आगे न बढ़ाकर सरकार निवेश और रोजगार के अवसरों को जानबूझकर नुकसान पहुंचा रही है। संदीपनी भारद्वाज ने स्पष्ट किया कि भाजपा जनस्वास्थ्य और युवाओं के भविष्य से जुड़े इन मुद्दों पर लगातार आवाज उठाती रहेगी और जवाबदेही तय कराए बिना पीछे नहीं हटेगी।





















