मंडी/कुल्लू : भाजपा प्रत्याशी कंगना रनौत ने अपने चुनावी जन संवाद में कहा कि केंद्र सरकार प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय व धार्मिक विरासतों के पुनःनिर्माण व संरक्षण के लक्ष्य लेकर काम कर रही है। उन्होंने कहा की प्राचीन शिल्पों की पुनः प्राप्ति भारत प्राचीन काल से ही कला और मूर्तिकला की भूमि रहा है। 2014 के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी के बाद दशकों तक उपेक्षित प्राचीन भारतीय कलाकृतियों की पुनर्प्राप्ति और संरक्षण पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित किया है।
बेहतर वैश्विक संबंधों का लाभ उठाते हुए भारत ने अपनी समृद्ध विरासत की सुरक्षा के महत्त्व पर जोर देते हुए चुराए गए सांस्कृतिक खजाने को सफलतापूर्वक पुनः प्राप्त कर लिया है। यह सक्रिय पहल न केवल सांस्कृतिक संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है, बल्कि अमृतकाल में इन महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक कलाकृतियों की वापसी सुनिश्चित करने में भारत की कूटनीतिक कौशल को भी रेखांकित करती है। 2014 से 2022 तक 344 से अधिक कलाकृतियाँ भारत वापस लाई गईं। नवंबर 2021 में 18वीं सदी की चोरी हुई माँ अन्नपूर्णा की मूर्ति एक सदी की लंबी अनुपस्थिति के बाद कनाडा से वाराणसी वापस लाई गई। चोल काल के अंत की एक प्राचीन भगवान हनुमान की मूर्ति ऑस्ट्रेलिया से बरामद की गई और 2023 में भारत लौट आई। स्कॉटलैंड ने कानपुर के एक मंदिर से जब्त की गई 14वीं सदी की औपचारिक इंडो-फारसी तलवार और 11वीं सदी का पत्थर का दरवाजा लौटा दिया। संयुक्त राज्य अमेरिका 2023 में 105 से अधिक चोरी हुई कलाकृतियों को वापस भेजने पर सहमत हुआ।