ओणम के शुभ अवसर पर देशवासियों को हार्दिक शभकामनाएं और बधाई देता हूं।
ओणम, एकता, फसल और सांस्कृतिक समृद्धि का उत्सव है, जो विभिन्न समुदायों को परंपराओं की डोर में बांधता है।
महान राजा महाबली की याद में मनाया जाने वाला यह त्योहार परोपकार, करुणा और बलिदान के शाश्वत मूल्यों का स्मरण कराता है। यह हमारे कृषक समुदाय की कड़ी मेहनत का सम्मान करने और प्रकृति की उदारता के प्रति आभार व्यक्त करने का अवसर भी है।
ओणम सभी के जीवन में प्रसन्नता और समृद्धि लाए।
ओणम केरल का एक प्रमुख त्योहार है। ओणम का उत्सव चिंगम (सिंघम/सिंहम्) मास में भगवान वामन की जयन्ती और राजा बलि के स्वागत में प्रति वर्ष आयोजित किया जाता है जो दस दिनों तक चलता है। उत्सव त्रिक्काकरा (कोच्ची के पास) केरल के एक मात्र वामन मन्दिर से प्रारम्भ होता है। णम पर्व के दौरान अपने घरों को 12 दिनों तक फूलों और रंगोली से सजाते हैं और इन दिनों भगवान विष्णु और महाबली की विधि विधान के साथ पूजा की जाती है।
भगवान विष्णु महाबली से प्रसन्न हुए और उन्हें कलियुग के अंत तक शासन करने का आदेश दिया, भगवान विष्णु ने महाबली को वरदान दिया कि वह वर्ष में एक बार उनके राज्य में आ सकेंगे। इसलिए हर साल उनके राज्य (केरल) के लोग इस ओणम त्योहार को अपने प्यारे राजा महाबली के घर आने के दिन के रूप में मनाते हैं।
ओणम त्यौहार में थिरुवोनम दिन सबसे महत्वपूर्ण होता है, जो 29 अगस्त को है.
थिरुवोनम नक्षत्र तिथि शुरू | 29 अगस्त को दोपहर 02:43 से, |
थिरुवोनम नक्षत्र तिथि ख़त्म | 29 अगस्त को रात्रि 11:50 तक |