सिधिविनायक टाइम्स: शिमला। श्रीमद्भगवद्गीता जयंती के अवसर पर राजकीय महाविद्यालय धर्मशाला के संस्कृत विभाग द्वारा 4 एवं 5 दिसंबर 2025 को दो दिवसीय कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। विभागाध्यक्ष प्रो. स्वर्ण लता शर्मा के निर्देशन में आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों में गीता के आदर्शों, मूल्यों और शाश्वत संदेश को प्रोत्साहित करना रहा। पहले दिन गीता श्लोक लेखन और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें निर्णायक के रूप में हिंदी विभाग से प्रो. अंजली शर्मा और अंग्रेजी विभाग से प्रो. पूजा संदल ने अपनी भूमिका निभाई। विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और गीता के ज्ञान को रचनात्मक रूप से अभिव्यक्त किया। दूसरे दिन कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि प्राचार्य डॉ. राकेश पठानिया द्वारा दीप प्रज्वलन और वैदिक मंगलाचरण के साथ हुआ। विद्यार्थियों ने पुष्पगुच्छ और तिलक द्वारा अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में अरुण कुमार द्वारा गीता के द्वादश अध्याय का मंत्रोच्चार तथा रिद्धिमा द्वारा गीता जयंती के महत्व पर वक्तव्य मुख्य आकर्षण रहे। इस दिन गीता श्लोक वाचन/गायन और भाषण प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया, जिसमें विद्यार्थियों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन कर दर्शकों से सराहना प्राप्त की।
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प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों द्वारा पुरस्कार प्रदान किए गए। इस दौरान विद्यार्थियों ने मधुराष्टक पर शास्त्रीय नृत्य, हिमाचली नाटी और पंजाबी गिद्धा प्रस्तुत कर कार्यक्रम को और भी मनमोहक बनाया।मुख्य अतिथि डॉ. पठानिया ने अपने संबोधन में कहा कि गीता भारतीय चिंतन का आधार स्तंभ है, जो जीवन के प्रत्येक चरण में मार्गदर्शक की भूमिका निभाती है। कार्यक्रम के अंत में प्रो. स्वर्ण लता शर्मा ने सभी अतिथियों, निर्णायकों और प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए गीता के जीवन-मार्गदर्शी स्वरूप पर प्रकाश डाला। वैदिक शांति पाठ के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। इस अवसर पर महाविद्यालय के विभिन्न विभागों के अनेक प्राध्यापक उपस्थित रहे और कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग प्रदान किया।





















