भारत ने अफगानिस्तान के स्वास्थ्य क्षेत्र और मानवीय जरूरतों को लेकर अपनी लगातार सहायता की नीति को एक बार फिर दोहराया है। यह बात केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा और अफगानिस्तान के सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्री मौलवी नूर जलाल जलाली के बीच हुई बैठक में सामने आई।
स्वास्थ्य सहयोग की समीक्षा, आगे बढ़ाने पर सहमति
बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच स्वास्थ्य क्षेत्र में चल रहे सहयोग की समीक्षा की गई। इसमें स्वास्थ्य अवसंरचना, दवाइयों की आपूर्ति और मेडिकल क्षमता निर्माण को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा हुई। श्री जेपी नड्डा ने कहा कि भारत की अफगानिस्तान नीति हमेशा से आम जनता के हितों पर केंद्रित रही है।
जनकल्याण पर केंद्रित है भारत की अफगानिस्तान नीति
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा इस बात पर जोर दिया है कि भारत का जुड़ाव अफगानिस्तान के लोगों के कल्याण, बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं और उनके जीवन स्तर को सुधारने पर आधारित होना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत की मदद पूरी तरह मानवीय आधार पर और दोनों देशों के पुराने रिश्तों से प्रेरित है।
अफगानिस्तान में प्रमुख स्वास्थ्य परियोजनाएं
बैठक में अफगानिस्तान में भारत द्वारा शुरू की गई स्वास्थ्य परियोजनाओं का भी उल्लेख किया गया। इनमें पक्तिया, खोस्त और पक्तिका प्रांतों में मातृत्व एवं स्वास्थ्य क्लीनिकों का निर्माण, काबुल में 30 बिस्तरों वाले अस्पताल की स्थापना तथा ऑन्कोलॉजी, ट्रॉमा, डायग्नोस्टिक और थैलेसीमिया केंद्रों का निर्माण या उन्नयन शामिल है।
दवाइयों और मेडिकल उपकरणों की बड़ी मदद
जेपी नड्डा ने बताया कि पिछले चार वर्षों में भारत ने अफगानिस्तान को 327 टन दवाइयां और टीके भेजे हैं। इसके अलावा कैंसर की दवाइयों और एक सीटी स्कैन मशीन की आपूर्ति की तैयारी पूरी हो चुकी है, जिन्हें इसी माह अफगानिस्तान भेजा जाएगा। रेडियोथेरेपी मशीन और अन्य मेडिकल उपकरणों को लेकर भी प्रक्रिया जारी है।
अफगान डॉक्टरों के लिए प्रशिक्षण और मेडिकल कैंप
भारत अफगानिस्तान में वरिष्ठ भारतीय डॉक्टरों की एक टीम भेजने की योजना पर काम कर रहा है। यह टीम मेडिकल कैंप लगाएगी और स्थानीय डॉक्टरों को प्रशिक्षण देगी। जून 2025 में काबुल में आयोजित जयपुर फुट कैंप का विशेष उल्लेख किया गया, जहां 75 जरूरतमंद लोगों को कृत्रिम अंग उपलब्ध कराए गए थे। भविष्य में ऐसे और शिविर लगाने की योजना है।
गंभीर मरीजों को भारत में मुफ्त इलाज की सुविधा
भारत ने गंभीर बीमारियों से पीड़ित अफगान नागरिकों को भारत में मुफ्त इलाज और मेडिकल वीजा देने की अपनी प्रतिबद्धता भी दोहराई। अप्रैल 2025 में नए वीजा सिस्टम की शुरुआत के बाद से अब तक 500 से अधिक वीजा जारी किए जा चुके हैं, जिनमें बड़ी संख्या मेडिकल वीजा की है। बैठक के अंत में दोनों पक्षों ने भारत-अफगानिस्तान स्वास्थ्य सहयोग पर संतोष व्यक्त किया और भविष्य में अफगान जनता के लिए स्वास्थ्य सहायता को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई।
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