मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के सुलह विधानसभा क्षेत्र के दौरे के दौरान स्थानीय विधायक व पूर्व विधानसभा विपिन सिंह परमार ने सुलह मण्डल भाजपा के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में ज्ञापन सौंप कर प्रदेश व अपने विधानसभा क्षेत्र में बारिश के कारण आपदा प्रभावितों की जल्द व समुचित सहायता किए जाने की मांग की।
विपिन सिंह परमार ने कहा कि अभी हाल ही में हिमाचल प्रदेश के विभिन्न भागों में भारी बरसात के कारण आई आपदा में जान-माल का भारी नुकसान हुआ है तथा अनेक क्षेत्रों में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। जिला कांगड़ा में भी भूस्खलन के कारण अनेक कच्चे व पक्के रिहायशी मकान पूरी तरह ढह कर मिट्टी में मिल गए हैं तथा अनेकों भवनों को भारी क्षति पंहुची है। प्रदेश के सबसे बड़े जिला में विस्थापन की मार झेल रहे सैंकड़ों लोग अनेकों राहत शिविरों में आश्रय लेने के लिए मजबूर हैं। जिला में अधिकतर पक्की सड़कें वर्षा व भूस्खलन की वजह से टूट गईं है तथा अनेकों गांवों के मार्ग़ अवरुद्ध हैं जिसके कारण आवागमन बाधित होने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। अनेकों पेयजल योजनाओं को नुकसान होने के कारण काफी स्थानों पर लोगों के सामने स्वच्छ पीने के पानी की समस्या उत्पन्न हो गई है। इन योजनाओं को शीघ्र ठीक कर सुचारू रूप से चलाने की आवश्यक्ता है ताकि आपदा का दंश झेल रहे लोगों के सामने स्वास्थ्य सम्बंधी समस्याएं न पैदा हों। सिंचाई परियोजनाओं को भी इस आपदा में भारी नुकसान हुआ है। इन परियोजनाओं को अगर समय रहते ठीक नहीं किया गया तो कृषि के लिए बहुत बड़ा संकट पैदा होने की आशंका है। टूटी सड़कों को ठीक करने व अवरुद्ध मार्गों को खोलने के लिए भी शीघ्र व समुचित प्रयास करने की जरूरत है ताकि लोगों को इसके कारण हो रही असुविधा से निजात दिलवाई जा सके।
परमार ने कहा कि सुलह विधानसभा क्षेत्र की खड़ोठ पंचायत के घरथोली तथा चौकी पंचायत के परमार नगर व कलूणा तथा बच्छवाई पंचायत में भी अतिवृष्टि व भूस्खलन के कारण बहुत से घर पूरी तरह ढह गए हैं। बहुत से घरों में बहुत बड़ी बड़ी दरारें आने से इन घरों के गिरने का खतरा है तथा यह घर भी रहने योग्य नहीं बचे हैं। क्षेत्र की थुरल, घराणा व वैरघाट पंचायतों में भी वर्षा के कारण भारी नुकसान हुआ है। इन सभी गांवों व पंचायतों में काफी संख्या में पशुशालाओं को नुक्सान पंहुचने से पशुधन की भी भारी क्षति हुई है। भूस्खलन के कारण इस क्षेत्र के लोग रिहायशी मकानों से तो वंचित हुए ही हैं, कृषि योग्य उपजाऊ भूमि भी गँवा चुके हैं। कृषि व पशुपालन कुछ परिवारों की आय के प्रमुख साधन होने के कारण उन के सामने रोजी रोटी का भी संकट पैदा हो गया है।
ज्ञापन माद्ययम से उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की कि आपदा प्रभावित सभी परिवारों की पुनर्स्थापना के लिए शीघ्रातिशीघ्र आवास बनाने योग्य भूमि तथा पूरी तरह बरबाद हो चुकी उपजाऊ भूमि के बदले भूमि उपलब्ध करवाने की व्यवस्था करें। उन्होंने सरकार से यह भी मांग की कि आपदा से प्रभावित घर-बार गंवा चुके सभी लोगों के लिए दो कमरे, रसोई व शौचालय वाले मकान बनवाने की भी व्यवस्था की जानी चाहिए ताकि इन लोगों को रहने के लिए स्थाई जगह मिल सके।
इस दौरान उनके साथ मंडल के अध्यक्ष कैप्टन देशराज, महामंत्री हंसराज, चंद्रवीर सभी मोर्चों के अध्यक्ष व मण्डल पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे।