प्रधानमंत्री मोदी से प्रेरित “स्वच्छता” अभियान ने ‘अपशिष्ट से धन’ की अवधारणा के बारे में जागरूकता पैदा की है। अब उत्पादक साधनों के लिए अपशिष्ट पदार्थों के पुनर्चक्रण और पुन: उपयोग के लिए नवाचार एवं प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग के बारे में बेहतर समझ विकसित हुई है।
यह बात केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज यहां स्वच्छता विशेष अभियान 3.0 के तीसरे सप्ताह की प्रगति की समीक्षा के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में कही। इस अभियान को भारत के सभी सरकारी कार्यालयों में कार्यान्वित किया जा रहा है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने अपशिष्ट को समझदारी से अलग करने और परिणामी सामग्रियों के तेजी से निपटान के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स और ड्रोन की त्रिशक्ति की वकालत की।
उन्होंने कहा, “अब अगर हमारे पास एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस संचालित मॉड्यूल है, जो ठोस और तरल कचरे को अलग करेगा, उसके बाद हमारे रोबोट इसे ले जाएंगे और ड्रोन पर लोड करेंगे और फिर ड्रोन स्वचालित रूप से उड़ जाएगा तथा इसे संबंधित गंतव्य-स्थल तक ले जाएगा।”
कूड़े के हर टुकड़े से लाभ हासिल किया जा सकता है, इस बात को रेखांकित करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड और सीएसआईआर ने हाल ही में ‘रीसाइक्लिंग ऑन व्हील्स’ बस लॉन्च की है, जो अपनी मोबिलिटी के कारण विभिन्न स्थानों पर अपशिष्ट से धन का सृजन कर सकती है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि देहरादून स्थित भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (सीएसआईआर-आईआईपी) ने संयुक्त रूप से एक रिपर्पज्ड यूज्ड कुकिंग ऑयल (आरयूसीओ) वैन विकसित की है जो इस्तेमाल किए गए खाना पकाने के तेल को इकट्ठा करती है और इसे जैव ईंधन में परिवर्तित करती है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार ने पिछले तीन वर्षों में देश भर के सभी सरकारी कार्यालयों द्वारा चलाए गए तीन विशेष अभियानों में केवल स्क्रैप के निपटान से कुल 776 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है। इस राजस्व का एक बड़ा हिस्सा, 176 करोड़ रुपये वर्तमान में चल रहे विशेष अभियान 3.0 के पिछले 20 दिनों में अर्जित किया गया है।
उन्होंने कहा, “इसलिए राजस्व उत्पन्न करने की हमारी गति भी बढ़ रही है। इसका मतलब है कि अब हमने इससे संपत्ति बनाने का कौशल सीख लिया है… इसका मतलब है कि हम अपने पैमाने पर सुधार कर रहे हैं, अब हम संतृप्ति बिंदु की ओर बढ़ रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “स्वच्छता अभियान के पहले वर्ष में 4 लाख से अधिक शौचालयों का निर्माण किया गया, जिससे महिलाओं को ‘सुविधा, स्वास्थ्य और सम्मान’ के साथ सशक्त बनाया गया। दूसरे वर्ष, विशेष अभियान ने लाखों बेकार फ़ाइलों के निपटान पर ध्यान केंद्रित किया, जिससे कार्य-उत्पादकता बढ़ाने के लिए कार्यालय का कीमती स्थान खाली हुआ, और ई-स्क्रैप की सफाई हुई तथा विशेष अभियान 3.0 अब अपशिष्ट से धन सृजन पर केंद्रित है।”
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि विशेष अभियान 3.0 के तीन सप्ताह में लगभग 86 लाख वर्ग फुट कार्यालय स्थान उपलब्ध कराया गया है।
विशेष अभियान 3.0 के तीसरे सप्ताह की प्रगति की समीक्षा करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने नोडल एजेंसी होने के नाते प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) की सराहना की।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, मंत्रालयों/विभागों और उनके क्षेत्र में बड़े पैमाने पर भागीदारी देखी जा रही है। उन्होंने मंत्रालयों/विभागों से देश के सभी हिस्सों में सभी बाहरी कार्यालयों/रक्षा प्रतिष्ठानों और पीएसयू को कवर करने के लिए अभियान के कार्यान्वयन में परिपूर्णता के दृष्टिकोण को अपनाने का आग्रह किया। http://(https://scdpm.nic.in/)