धर्मशाला I धर्मशाला में क्रेंद्रीय विश्वविद्यालय को लेकर भाजपा ने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकार नारेबाजी की तथा चक्का जाम कर विरोध प्रदर्शन किया भाजपा नेताओं का कहना था कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार सीयू को लेकर राजनीति कर रही है युवाओं के भविष्य के साथ खिलबाड़ किया जा रहा है बाद में भाजपा नेताओं ने कांगड़ा उपायुक्त के माध्यम से प्रदेश के राज्यपाल को एक ज्ञापन ने भी सौंपा जिसमें उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा वर्ष 2010 में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्वीकृति हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा के धर्मशाला में खोलने की दी थी परंतु किन्हीं कारणों से इसका निर्माण जिला के दो हिस्सों में जो की देहरा और धर्मशाला हैं में होना निश्चित हुआ देहरा में बनने वाले कैंपस की सभी औपचारिकताएं जो की हिमाचल सरकार और केंद्र सरकार के द्वारा पूरी की जानी थी वह पूरी कर दी गईं और उसका निर्माण कार्य आरंभ हो गया परंतु धर्मशाला के जदरांगल में बनने वाले नॉर्थ कैंपस का निर्माण कार्य कई कारणों से विलंबित चलता रहा अब जबकि भूकंप संबंधी निरीक्षण व निर्माण के लिए मिट्टी की जांच इत्यादि सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद वन व पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा इसके निर्माण के लिए हरी झंडी दे दी गई है और शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार ने इसके लिए 250 करोड़ की राशि का भी प्रावधान कर दिया है निर्माण के लिए चयनित कंपनी को केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रशासन ने काम भी आवंटित कर दिया है, परंतु भारत सरकार के वन व पर्यावरण मंत्रालय ने निर्माण से होने वाले वनों को नुकसान के एवज में हिमाचल प्रदेश सरकार को 30 करोड़ रूपया जमा करवाने का आदेश दिया है और उसी के उपरांत निर्माण कार्य आरंभ करना निश्चित किया है।
इस मौके पर पूर्व विधान सभा अध्यक्ष विपिन परमार ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने अगर जल्द से 30 करोड़ रुपया जमा नही करवाया तो भाजपा का अंदोलन और उग्र हो जाएगा उन्होंने कहा कि जब तक जिला कांगड़ा की जनता को हक और न्याय नही मिलता उनका अंदोलन जारी रहेगा उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार की नियत में खोट है उन्होंने कहा जुलाई 2023 से इससे संबंधित दस्तावेज हिमाचल प्रदेश सरकार को जिला कांगड़ा के नोडल अधिकारी ने प्रेषित किए गए हैं परंतु हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री इसके बारे में कोई भी निर्णय नहीं ले रहे हैं।